उत्तराखंड में तबादलों के लिए 3500 शिक्षकों ने किए आवेदन, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश में गंभीर रूप से बीमार दिव्यांग व दिव्यांग बच्चों के माता-पिता शिक्षक समेत सिर्फ जरूरतमंद शिक्षकों के ही तबादले होने हैं लेकिन अब तक करीब साढ़े तीन हजार आवेदन तबादलों के लिए शासन को मिल चुके हैं। इनकी जांच के बाद इन्हें मुख्य सचिव समिति के समक्ष रखा जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में गंभीर रूप से बीमार, दिव्यांग व दिव्यांग बच्चों के माता-पिता शिक्षक समेत सिर्फ जरूरतमंद शिक्षकों के ही तबादले होने हैं, लेकिन अब तक करीब साढ़े तीन हजार आवेदन तबादलों के लिए शासन को मिल चुके हैं। शासन स्तर पर इनकी जांच के बाद इन्हें मुख्य सचिव समिति के समक्ष रखा जाएगा।प्रदेश में इस साल स्थानांतरण नहीं करने के सरकार के आदेश के बावजूद जरूरतमंद शिक्षकों को राहत मिल सकेगी। स्थानांतरण एक्ट के नियम-27 के तहत गंभीर रूप से बीमार, दिव्यांग एवं जरूरतमंद शिक्षकों के तबादले होंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इन तबादलों के संबंध में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
तबादलों के संबंध में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने आवेदन किया है। प्राथमिक शिक्षकों के ही करीब डेढ़ हजार आवेदन शासन के पास पहुंचे हैं। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के करीब दो हजार आवेदन भेजे गए हैं। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि नियम-27 के तहत तबादलों के प्रस्तावों का परीक्षण शिक्षा विभाग खुद करेगा। ऐसे प्रस्तावों में खामियों के लिए विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। संबंधित प्रस्तावों को नियम-27 के अंतर्गत उच्चस्तरीय समिति के समक्ष रखा जाएगा। समिति की ओर से भी सचिव को परीक्षण के बाद पुख्ता प्रस्ताव रखने को कहा है।
पारस्परिक तबादलों पर लग सकती है मुहर
शिक्षकों की ओर से पारस्परिक तबादलों की अनुमति देने की मांग की थी। इस मांग के आधार पर सरकार ऐसे प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ऐसे प्रस्तावों को मुख्य सचिव समिति के समक्ष रखा जा सकता है।
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क्या है नियम-27
स्थानांतरण एक्ट में अनिवार्य और अनुरोध के आधार पर तबादलों का प्रविधान है। इससे इतर जरूरतमंदों के तबादला आवेदनों को एक्ट के नियम-27 के अंतर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति के समक्ष रखा जाता है। एक्ट के दायरे से बाहर तबादला प्रकरणों पर गुण-दोष के आधार पर समिति फैसला लेती है।
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