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उत्तराखंड: अशासकीय कॉलजों के शिक्षक सरकार के खिलाफ देंगे धरना, जानिए क्यों हैं संघर्षरत

ग्रुटा सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों की अनुदान राशि को जारी रखने की मांग को लेकर संघर्षरत है। वर्तमान में 18 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी राज्य सरकार के द्वारा लाए गए अंब्रेला विधेयक के प्राविधानों को लेकर विगत कई माह से विरोध कर रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 12:59 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 12:59 PM (IST)
उत्तराखंड: अशासकीय कॉलजों के शिक्षक सरकार के खिलाफ देंगे धरना, जानिए क्यों हैं संघर्षरत
अशासकीय कॉलजों के शिक्षक सरकार के खिलाफ देंगे धरना।

देहरादून, जेएनएन। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ(ग्रुटा) सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों की अनुदान राशि को जारी रखने की मांग को लेकर संघर्षरत है। वर्तमान में 18 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी राज्य सरकार के द्वारा लाए गए अंब्रेला विधेयक के प्राविधानों को लेकर विगत कई माह से विरोध कर रहे हैं। 

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इस कड़ी में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद सभी से उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा करने की अपील की है, लेकिन  सरकार के स्तर पर अभी भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसको लेकर पूरे प्रदेश के शिक्षक नाराज है। अब ग्रूटा धरना विरोध प्रदर्शन का आयोजित करने जा रहा है, जिसके लिए समस्त अशासकीय कॉलेजों में 25 नवम्बर (बुधवार) को 11 बजे से एक बजे तक सभी कॉलेजों में शिक्षक धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेंगे, जिससे दोबारा अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठा सकें और सरकार इस पर तत्काल सकारात्मक निर्णय लेने का दबाव बना सके। 

अशासकीय कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. बीपी सिंह और महामंत्री डॉ. डीके त्यागी ने बताया कि शिक्षकों के इस विषय को और प्रभावी तरीके से उठने का निर्णय लिया है। साथ ही साथ शिक्षक संघ ने अपील की है कि सभी शिक्षक और कर्मचारी आंदोलन में सरकार की कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें। 


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