Move to Jagran APP

उत्तराखंड बीज और तराई विकास निगम के 186 कर्मचारियों को मिलेगा पांच साल का डीए, बोर्ड बैठक में फैसला

186 कर्मचारियों को वर्ष 2016 से लंबित डीए का जल्द भुगतान होगा। मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में हुई निगम की बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा 33 हजार कुंतल बीज सहकारिता के माध्यम से किसानों को वितरित करने समेत अन्य निर्णय भी लिए गए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 05:23 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:39 PM (IST)
तराई बीज विकास निगम के 186 कर्मचारियों को होगा लंबित डीए का भुगतान।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। लंबे समय से डीए के भुगतान की मांग कर रहे उत्तराखंड बीज और तराई विकास निगम लि. (टीडीसी) के 186 कर्मचारियों की यह साध अब पूरी हो जाएगी। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई टीडीसी की बोर्ड बैठक में इन कर्मियों को लंबित डीए के भुगतान का निर्णय लिया गया। इस मौके पर सहकारी समितियों के माध्यम से 33 हजार क्विंटल बीज किसानों को वितरित करने, बोर्ड में आवश्यकतानुसार उपनल के माध्यम से संविदा पर कर्मियों को रखने समेत अन्य कई फैसले भी लिए गए।

loksabha election banner

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री उनियाल ने बैठक के बाद जानकारी दी कि लंबे समय के बाद टीडीसी ने 1.86 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया है। इसे देखते हुए बोर्ड बैठक में तय किया गया कि शुद्ध लाभांश में से कर्मचारियों को वर्ष 2016 से 2021 तक के डीए का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीडीसी की माली हालत सुधारने पर खास फोकस किया गया है, लेकिन कुछ तकनीकी कर्मियों की भी कमी है। निर्णय लिया गया है कि उपनल के माध्यम से 11-11 माह की संविदा पर टीडीसी में कर्मचारी रखे जाएंगे।

कैबिनेट मंत्री उनियाल ने बताया कि बोर्ड बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्य की निजी बीज उत्पादक संस्थाएं अपनी आवश्यकता के लिए 50 फीसद आधारीय बीज अनिवार्य रूप से टीडीसी से खरीदेंगी। इसके साथ ही पंतनगर व भरसार विश्वविद्यालयों के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र की फसल प्रजातियों के बीज उत्पादित कराकर टीडीसी किसानों को वितरित करेगा। बिजनेस एसोसिएट के माध्यम से किए जाने वाले व्यवसाय में निगम के लाभांश में बढ़ोतरी का निर्णय भी लिया गया।

बैठक में 33 हजार क्विंटल गेहूं का प्रमाणित बीज सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को वितरित करने का निश्चय किया गया। इसके लिए 1600 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान की उपलब्धता कराई जा रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना के तहत 400 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त अनुदान के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। यह भी निर्णय हुआ कि स्थानीय फसलों की सत्यापित प्रजातियों के जैविक बीज का उत्पादन कृषि विभाग से चिह्नित क्लस्टर में करने और विभिन्न फर्मों पर टीडीसी की बकाया राशि की वसूली के लिए कार्रवाई करने संबंधी निर्णय भी लिए गए। बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान, टीडीसी के प्रबंध निदेशक जीवन सिंह नगन्याल, कृषि निदेशक गौरीशंकर आदि मौजूद थे।

यह भी पढ़ें- अगर आप नीट में ले आए 560-570 मार्क्स तो सीट पक्की, जानिए कहां कितने अंक तक दाखिला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.