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    यहां हर दिन 17 महिलाएं हो रही हैं शोषण का शिकार, जानिए

    उत्तराखंड में हर दिन करीब 17 महिलाएं शोषण का शिकार हो रही हैं। इतनी महिलाएं रोज महिला हेल्पलाइन का सहारा लेती हैं।

    By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 25 Dec 2018 08:30 PM (IST)
    यहां हर दिन 17 महिलाएं हो रही हैं शोषण का शिकार, जानिए

    देहरादून, संतोष तिवारी। उत्तराखंड में महिला सुरक्षा के सरकारी दावे की हकीकत की बानगी देखने और हालात को समझने के लिए महिला हेल्पलाइन 1090 के आंकड़े ही पर्याप्त हैं। यहां महिलाएं दहलीज के भीतर हिंसा का शिकार तो हो ही रही हैं, घर के बाहर भी उनका किसी न किसी तरह से शोषण किया जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हर रोज 17 महिलाएं महिला हेल्पलाइन की मदद ले रही हैं। हालांकि यह आंकड़ा महिलाओं की जागरूकता की ओर भी इशारा करता है। 

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    पौड़ी में किशोरी को जिंदा जलाने की घटना ने महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं, जब आधी आबादी शोषण या फिर हिंसा की शिकार हुई हैं। पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसने उस पूरे सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया,जिसके कंधों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी हैं। इसमें सबसे अहम महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाली फोन कॉल हैं, जिनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। 

    फोन कॉल की संख्या बढ़ने का सीधा मतलब महिलाओं के शोषण से जुड़ा है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच कुल 5171 फोन कॉल 1090 हेल्पलाइन पर आए। यानी हर रोज औसतन 17 महिलाओं को पुलिस की मदद की जरूरत पड़ी। वहीं पिछले साल 5681, 2016 में 5764, 2015 में 5580, 2014 में 6941 और साल 2013 में 6623 फोन कॉल आए थे। इसमें सबसे अधिक चिंताजनक हालात मैदानी जिलों देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर व हरिद्वार के हैं। पर्वतीय जिलों में कमोबेश स्थिति कुछ बेहतर है। आंकड़ों के आईने में देखें तो इस साल यहां भी महिलाओं पर अपराध की संख्या बढ़ी है। 

    टूटने लगी है आधी आबादी की हिचक 

    महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाले फोन कॉल्स का सकारात्मक पहलू भी है। वह यह कि अब अपने ऊपर हो रही हिंसा, उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को लेकर उनकी हिचक टूटी है। एक दशक पूर्व तक इस तरह के अधिकांश मामलों में वह बदनामी के डर से चुप्पी साध जाती थीं। लेकिन अब वह असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने में पीछे नहीं हट रही हैं। 

    251 ने एसएमएस से सुनाई व्यथा 

    इस साल पुलिस मुख्यालय के हेल्पलाइन नंबर 9411112780 पर 251 महिलाओं ने मदद की गुहार लगाई। वहीं टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001804111 पर 176 महिलाओं ने फोन कर शिकायतें दर्ज कराईं। 

    कैस काम करती है हेल्पलाइन 

    हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली हर कॉल का बाकायदा रिकॉर्ड रखा जाता है। 1090 पर कॉल करने पर फोन कॉल उस जिले में बनाए गए सेंटर पर रिसीव की जाती है। देहरादून में 1090 का सेंटर डालनवाला कोतवाली में है। यहां आने वाली फोन कॉल को सुनने के बाद उसे संबंधित जनपद और वहां से संबंधित थाने को प्रेषित कर दिया जाता है। 

    1090 पर आए फोन कॉल्स 

    जनपद,    2016,  2017,  2018 

    देहरादून,   2465,  2478,  2440 

    हरिद्वार,   533,   476,    648 

    टिहरी,      138,   130,     56 

    पौड़ी,        150,   146,    128 

    चमोली,      97,     122,   114 

    रुद्रप्रयाग,   51,       42,     45 

    उत्तरकाशी, 63,      97,    130 

    यूएसनगर, 327,     309,  231 

    नैनीताल,   807,    714,   403 

    अल्मोड़ा,    605,    618,   247 

    चंपावत,     82,      94,     116 

    पिथौरागढ़, 165,    137,   120 

    बागेश्वर,    46,      50,      66 

    एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि महिला हेल्पलाइन पर आने वाले फोन कॉल्स को पूरी गंभीरता के साथ अटेंड किया जाता है। शिकायतों का फालोअप भी होता है और यह भी देखा जाता है कि उस पर क्या कार्रवाई हुई। इसके साथ यह भी समीक्षा की जा रही है कि हेल्पलाइन में किस तरह की शिकायतें सर्वाधिक आ रही हैं। उसके अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे। 

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