Champawat Accident: घटना स्थल पर बेसुध पड़ा था मासूम, अचानक चिल्लाने लगा मम्मी-मम्मी; हर आंख हुई नम
लोहाघाट-बाराकोट मार्ग पर जीप दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई, पर पांच साल का चेतन चौबे बच गया। दुर्घटनास्थल पर वह खून से लथपथ मिला और होश आने पर ...और पढ़ें

मां और बड़े भाई की मौत, घटना स्थल पर खून से लथपथ पड़ा था बेसुध। जागरण
गौरी शंकर पंत, लोहाघाट। जाको राखे साइयां मार सके न कोय, बाल न बाका करि सके जो जग बैरी होय..., यह उक्ति पांच साल के मासूम चेतन चौबे पर सौ फीसदी खरी उतरी। गुरुवार की रात लोहाघाट-बाराकोट मोटर मार्ग पर बागधारा के बास हुई भीषण जीप दुर्घटना में मौत भी चेतन का कुछ नहीं बिगाड़ सकी। इस हादसे में बोलेरो वाहन के गहरी खाई में गिरने से पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में स्याल्दे (अल्मोड़ा) निवासी 28 वर्षीय भावना चौबे और उनके छह साल के बेटे प्रियांशु चौबे शामिल हैं।
इस हादसे में भावना का छोटा बेटा चेतन (05) दैवीय चमत्कार से सुरक्षित बच गया। हादसे के बाद जब राहत-बचाव दल और ग्रामीण दुर्घटनाग्रस्त वाहन के पास पहुंचे तो देखा कि मलबे से कुछ दूरी पर चेतन खून से सने कपड़ों में जमीन पर सो रहा था।
ग्रामीण गौरव पांडेय ने बताया कि जब वे लोग वहां पहुंचे तो चेतन अचानक उठा और दूर पड़े क्षतिग्रस्त वाहन की ओर दौड़ा। वह जोर-जोर से मम्मी-मम्मी चिल्लाने लगा। बच्चे को बड़ी मुश्किल से समझा-बुझाकर शांत किया गया। चेतन के बिलख-बिलख कर रो रहा था। उसकी आंखों के सामने उसकी मां और बड़ा भाई इस दुनिया से चले गए थे।
चिकित्सकों ने बताया कि चेतन के बाएं पैर में गंभीर फ्रैक्चर है, लेकिन जान को कोई खतरा नहीं है। हादसे के वक्त वह अपनी मां की गोद में ही बैठा था। शायद मां ने आखिरी पल में बच्चे को जोर से छाती से चिपका लिया था, जिससे वह बाहर जा गिरा गया और उसकी जान बच गई। पांच साल का चेतन बार-बार मां को पुकार रहा है, लेकिन उस मासूम को क्या पता कि उसकी मां हमेशा के लिए उसे छोड़कर चली गई है।
उसे पता नहीं अब उसकी मां कभी लौटकर नहीं आएगी। मृतक भावना चौबे के पति सुरेश चौबे दुल्हा दुल्हन के वाहन में बैठे थे, जिस वहज से उनकी जान बच गई। मृतक भावना दूल्हे की बहन लगती है।
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