Uttarakhand News: पर्यटकों के लिए खुला बर्फ से लकदक क्वारी पास ट्रेक, बुकिंग शुरू
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत आने वाला क्वारी पास ट्रेक पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। हिमस्खलन की चेतावनी के बाद ट्रेक पर 15 दिन के लिए आवाजाही स्थगित कर दी गई थी। अब यह ट्रेक फिर से पर्यटकों के लिए खुल गया है और दुबई के एक समूह ने यहां ट्रेकिंग के लिए बेस कैंप खुलारा पहुंचा है।

जागरण संवाददाता, गोपेश्वर। चमोली जिले के ज्योतिर्मठ विकासखंड में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला क्वारी पास (कौरी पास) ट्रेक पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।
हिमस्खलन की चेतावनी के बाद ट्रेक पर 15 दिन के लिए आवाजाही स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद पहली बार दुबई की जेम्स मार्डन एकेडमी के 36 छात्र और आठ शिक्षकों का दल ट्रेकिंग के लिए बेस कैंप खुलारा पहुंचा है। ट्रेक इन दिनों बर्फ से लकदक है।
उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत विंटर ट्रेक कहे जाने वाले क्वारी पास ट्रेक का सफर बेहद रोमांचकारी है। इस पर ट्रेकिंग ज्योतिर्मठ के तुगासी गांव से शुरू होती है। ज्योतिर्मठ से यहां तक 18 किमी मोटर मार्ग है।
ट्रेकर व पर्यटक गुलिंग जंगल कैंप से ताली टाप होते हुए वापस गुलिंग पहुंचते हैं। समुद्रतल से 12,516 फीट की ऊंचाई से गुजरने वाले 17 किमी लंबे क्वारी पास की ट्रेकिंग के दौरान आप द्रोणागिरी, त्रिशूल, नंदा देवी, पांगरचुल्ला, नीलकंठ, हाथी पर्वत, गौरी पर्वत, गरुड़, हनुमान, लंपाक, माणा पास, कामेट, चौखंभा, केदारनाथ आदि हिम शिखरों का दीदार कर सकते हैं।
ट्रेकिंग कंपनी हिमालयन हाइकर्स के सचिव चैन सिंह रावत ने बताया कि ट्रेकिंग के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक व ट्रेकर बुकिंग करा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: फिर धंसने लगा Joshimath! रविग्राम में हुआ गड्ढा, गांधीनगर में गिरी दीवार
प्राकृतिक स्रोतों व जलधाराओं के संरक्षण व संर्वद्धन को लेकर किया जागरुक
विश्व जल दिवस के अवसर पर चरण पादुका गोथल समिति के सदस्य संगीता देवी के नेतृत्व में गंगोलगांव में पुराने जलधारा के आस पास सफाई अभियान चलाकर प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण को लेकर जागरुक किया गया।
शनिवार को गंगोलगांव की महिलाओं ने गंगोलगांव क्षेत्र के आस पास प्राकृतिक जलधाराओं की सफाई कर जल संरक्षण के साथ स्व्च्छता को लेकर स्थानीय लोगों को जागरुक कर उनके संरक्षण को लेकर आगे आने को लेकर प्रेरित किया।
गंगोलगांव वार्ड सभासद सुशीला देवी ने बताया कि आए दिन प्राकृतिक स्रोत सूख रहे हैं जिनके संरक्षण व सर्वद्धन को लेकर सभी लोगों को मिलजुल कर प्राकृतिक स्रोतों को पुर्नजीवित करने के लिए पहल करनी होगी।
इस अवसर पर समिति के संरक्षक पर्यावरण प्रेमी सुधीर तिवारी द्वारा घट रहे जल स्तर पर गहन चिंतन करते हुए बताया कि नौले धारे पहले हमारे लिए पूजनीय और गांव में कोई नई बहू आती है तो आज भी पहले धाराओं पर पूजा होती क्योंकि जल का इतना बड़ा महत्व है।
हमारे यहां पूजा पाठ में भी जल का बड़ा महत्व बिना जल के कोई कार्य संभव नहीं है, परंतु आधुनिक पीढ़ी ने नदियों में कूड़ा करकट एवं पुराने जलधारा को भूलकर घर में लगे टंकी के पानी का उपयोग करने से धीरे धीरे प्राकृतिक स्रोत व जलधाराएं सूख रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।