Uttarakhand Avalanche: राहत-बचाव कार्य पर केंद्र की नजर, गृह मंत्री अमित शाह लगातार ले रहे अपडेट
Uttarakhand Avalanche उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ है। जिससे बीआरओ के कैंप को नुकसान पहुंचा है। घटना के वक्त करीब 57 मजदूर मौजूद थे। जिनमें से 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है । सेना व आईटीबीपी द्वारा रेस्क्यू कार्य जारी है। पल-पल के अपडेट के लिए जागरण डॉट कॉम से साथ जुड़े रहें।
जागरण संवाददाता, चमोली। Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हो गया है। जिससे बीआरओ के कैंप को नुकसान पहुंचा है। बीआरओ कैंप में करीब 57 मजदूरों मौजूद थे। जिनमें से 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सेना व आईटीबीपी द्वारा रेस्क्यू कार्य किया गया।
घटना की अब तक की अपडेट:
- चमोली जिले में माणा के पास हुए हिमस्खलन की घटना के बाद वहां चल रहे राहत एवं बचाव कार्य पर केंद्र सरकार बराबर नजर बनाए हुए है। गृह मंत्री अमित शाह लगातार इस संबंध में अपडेट ले रहे हैं।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। पीएमओ कार्यालय लगातार सम्पर्क में है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद के लिए एयरफोर्स को पत्र भेज दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह भी इस मामले की लगातार अपडेट ले रहे हैं और उन्होंने भारत सरकार के स्तर से हरसंभव मदद का भरोसा जताया है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एवलांच में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
- आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जनपद में बदरीनाथ धाम से आगे हिमस्खलन में फंसे लोगों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। शाम 5:00 बजे तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, शेष 25 लोगों को निकालने की कार्रवाई गतिमान है।
- घायलों को निकालने और अधिक बचाव टीमों को भेजने के लिए सड़क खोलने के प्रयास भी चल रहा है। मौके पर मौजूद सेना के डॉक्टरों ने गंभीर रूप से घायलों की महत्वपूर्ण जीवन रक्षक सर्जरी की है। बीआरओ की ओर से पुष्टि की गई है कि 22 मजदूर भागने में सफल रहे और उन्हें बदरीनाथ में ढूंढ लिया गया है। भारतीय सेना जल्द से जल्द फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
- खराब मौसम और लगातार बर्फबारी के बावजूद माणा में सेना का हिमस्खलन बचाव अभियान लगातार जारी है।
- उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरानी के पास हिमस्खलन व मलबा आने से बंद हो गया है। गंगनानी से डबरानी के बीच लगातार बारिश के चलते पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं।
- अभी तक बर्फ में दबे 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। इनका उपचार आईटीबीपी हॉस्पिटल माणा में चल रहा है। अभी भी 25 लोग लापता हैं।
- माणा में भारी बर्फबारी व फिर एवलांच के चलते सेना व आईटीबीपी ने रेस्क्यू रोक दिया है।
- अधिकतर मजदूर कर्मचारी पंजाब, यूपी, हरियाणा के हैं।
- मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा। एसडीआरएफ एवं जिला प्रशासन द्वारा बीआरओ एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है।
- गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात की। हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। स्थानीय प्रशासन बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से लगा हुआ है। एनडीआरएफ की दो टीमें भी जल्द ही घटना स्थल पर पहुंच रही हैं।
- हाईवे बर्फ से ढका होने के कारण रास्ता बंद होने से एनडीआरएफ को घटनास्थल पहुंचने में आ रही दिक्कतें।
- शुक्रवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश और 3200 मीटर व उससे ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना जताई है। भारी बर्फबारी के कारण हिमस्खलन होने की भी चेतावनी जारी की गई।
- राज्य आपातकालीन केंद्र द्वारा आज शुक्रवार को उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी व एवलांच की चेतावनी जारी की गई है।
- उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ ड्रोन की टीम को भी तैयारी हालात में रखा गया है। भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है।
- एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से संपर्क कर मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र के सटीक निर्देशांक प्राप्त किये गए हैं।
- पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि माणा गांव के पास हिमस्खलन की घटना में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन के कुल 57 श्रमिक प्रभावित हुए। अब तक 15 श्रमिक सुरक्षित हैं, जबकि 42 लापता थे।
- घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है।
- अब तक बर्फ में दबे 16 मजदूरों को निकाला जा चुका है।
- तीन मजदूरों को गंभीर हालत में सेना चिकित्सालय भेजा गया है।
- ये सभी माणा से माणा पास तक 50 किमी क्षेत्र में हाइवे चौड़ीकरण डामरीकरण के कार्य में लगी कंपनी के मजदूर हैं।
- इस सड़क का कार्य ईपीसी कंपनी के माध्यम से बीआरओ करा रही है।
रेस्क्यू में जुटी सेना व आईटीबीपी
सीमा सड़क संगठन के कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। तीन मजदूरों को गंभीर हालत में सेना चिकित्सालय भेजा गया है। सेना व आईटीबीपी रेस्क्यू में जुटी है। हनुमान चट्टी से आगे हाइवे बंद है।
हाइवे बंद होने के कारण वो रास्ते में फंसी एसडीआरएफ व एनडीआरएफ
एसडीआरएफ व एनडीआरएफ मौके के लिए रवाना हुई है, लेकिन हाइवे बंद होने के कारण वो रास्ते में ही फंसे हैं। जिलाधिकारी डा संदीप तिवारी ने कहा 57 मजदूरों के माणा पास क्षेत्र में होने की सूचना है।
सीएम धामी ने घटना पर जताया दुख
घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि 'जनपद चमोली में माणा गांव के निकट बीआरओ द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।'
जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है।
भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 28, 2025
आईआरएस से जुड़े अधिकारी अलर्ट पर
वहीं चमोली जनपद में हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आईआरएस से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
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