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    हिमालय के बीच बसे इस नेशनल पार्क में 33 से ज्‍यादा स्नो लैपर्ड, ट्रेप कैमरे की तस्‍वीर देख आप भी कहेंगे 'So Cute'

    Updated: Thu, 24 Apr 2025 01:24 PM (IST)

    चमोली जिले में चीन सीमा के पास नंदा देवी नेशनल पार्क में हिम तेंदुओं की संख्या 33 से अधिक हो गई है। हाल ही में सुमना वैली में इनकी चहलकदमी देखी गई है। पार्क 630 वर्ग किलोमीटर में फैला है और हिम तेंदुओं का प्राकृतिक आवास है। वन विभाग इनकी सुरक्षा के लिए सक्रिय है। *हिमालय की तलहटी* में इनकी बढ़ती संख्या उत्साहजनक है।

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    Nanda Devi National Park: नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में स्नो लैपर्ड की चहल कदमी से वन विभाग उत्साहित। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। Nanda Devi National Park: चमोली जिले के चीन सीमा से लगे नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में हिम तेंदुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वन विभाग में दर्ज आंकडों के अनुसार इस राष्ट्रीय पार्क में 33 से अधिक स्नो लैपर्ड मौजूद हैं। हाल ही में मलारी के पास सुमना वैली में स्नो लैपर्ड की चहल कदमी के बाद इनकी संख्या में खासा इजाफा होने की उम्मीद है।

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    चीन सीमा से लगे क्षेत्र नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जो खूबसूरत हिमालय के बीच बसा है। 11500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड नंदा देवी पर्वत श्रृंखला व नंदा देवी अभयारण्य को शामिल करता है। जो लगभग 630 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

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    पार्क क्षेत्र के अंतर्गत लगाए 70 ट्रेप कैमरे

    नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क का गठन 1982 में हुआ था। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंदर ही विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क भी है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क का अधिकत्तर हिस्सा बर्फ से ढके होने के कारण यह स्नो लैपर्ड का उत्तराखंड में सबसे बड़ा प्राकृतिक आवास माना जाता है। इस राष्ट्रीय पार्क की सीमा कुमाऊं के पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले से लगी है।

    पिछले साल तपोवन क्षेत्र में हिम तेदुंआ देखा गया था। नंदा देवी पार्क क्षेत्र के अंतर्गत 70 ट्रेप कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों पर समय समय पर वन विभाग नजर बनाए रखता है। ट्रेप कैमरों में दुलर्भ जंगली जानवराें की तस्वीरें आई थी। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क को स्नो लैपर्ड का प्राकृतिक आवास माना जाता है। यहां पर स्नो लैपर्ड की संख्या बढ़ने से इनकी सुरक्षा को लेकर भी वन विभाग सक्रिय हो गया है।

    बताया गया कि नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में वन विभाग लगातार गश्त बढ़ा दी गई है। इन दिनों नीति घाटी में शीतकाल में निचले स्थानों पर आए ऋतु प्रवासी वापस लौट रहे हैं। ऐसे में जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी सक्रियता हर बार बढा़ई जाती रही है। बीते साल भी स्नो लैपर्ड की गणना में इनकी संख्या 33 दर्ज की गई है हालांकि लगातार स्नो लैपर्ड के देखे जाने के बाद इनकी संख्या में खासा बढोत्तरी होने की कयास वन विभाग लगा रहा है।

    दुर्लभ हिम तेंदुए का वास

    • स्नो लेपर्ड दुनिया की दुर्लभ प्रजातियों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
    • यह 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर पाया जाता है।
    • हिम तेंदुआ बर्फीले क्षेत्र में निवास करने वाला स्लेटी और सफेद फर वाला बिडाल कुल व पैंथर उप कुल का स्तनधारी वन्य जंतु है।
    • यह तेंदुए की विश्व स्तर पर विलुप्त प्राय प्रजाति है।

    रंग-रूप व आकार

    • स्नो लैपर्ड करीब 1.4 मीटर लंबे होते हैं और इनकी पूंछ करीब 90 से 100 सेंटीमीटर तक होती है।
    • इनका भार 75 किलो तक हो सकता है।
    • इनकी खाल पर स्लेटी और सफेद फर होते हैं और गहरे धब्बे होते हैं।
    • इनकी पूंछ में धारियां बनीं होती हैं।
    • इनके फर बहुत लंबे और मोटे होते हैं, जो इन्हें ऊंचे और ठंडे स्थानों पर भीषण सर्दी से बचा कर रखते हैं।
    • इन तेंदुओं के पैर भी बड़े और ऊनी होते हैं। ताकि बर्फ पर चलना-फिरना सहज हो सके।

    स्नो लैपर्ड रात्रि में होते हैं सक्रिय

    स्नो लैपर्ड दहाड़ नहीं सकते हैं, लेकिन गुर्रा (बिल्ली के जैसी आवाज) सकते हैं। हिम तेंदुए अधिकांशत: रात्रि में सक्रिय होते हैं। ये अकेले रहने वाले जीव हैं। लगभग 90 से 100 दिनों के गर्भाधान के बाद मादा दो से तीन शावकों को जन्म देती है।

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    क्या कहते है अधिकारी

    नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में बीते वर्ष हुई गणना में 33 स्नो लैपर्ड होने के आंकडे दर्ज हुए थे। इस साल भी स्नो लैपर्ड देखे जाने के अलावा ट्रेप कैमरों में आई तस्वीरों से स्नाे लैपर्ड में खासी बढ़ोतरी हुई है। अधिकारी गणना के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है। नीति घाटी में शीतकाल के बाद इन दिनों मानव गतिविधियां बढ़ने पर वन कर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है। - सुमन, उपप्रभागीय वनाधिकारी नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क ज्योतिर्मठ