हिमालयी जैव विविधता के लिए अच्छी खबर, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में मौजूद हैं 12 हिम तेंदुए
नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में 12 हिम तेंदुओं (स्नो लेपर्ड) की मौजूदगी मिली है। इनमें से दो या तीन हिम तेंदुए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हैं।
जोशीमठ (चमोली), रणजीत सिंह रावत। हिमालयी जैव विविधता के लिए अच्छी खबर। चमोली जिले में समुद्रतल से 11480 फीट की औसत ऊंचाई पर 630.3 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में 12 हिम तेंदुओं (स्नो लेपर्ड) की मौजूदगी मिली है। इनमें से दो या तीन हिम तेंदुए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हैं। हाल ही में वन कर्मियों को फूलों की घाटी में गेट के पास बर्फ के ऊपर दो हिम तेंदुओं के फुट प्रिंट मिले।
वन कर्मियों का कहना है कि गश्त के दौरान उन्होंने हिम तेंदुओं को न सिर्फ दूर से देखा, बल्कि उनकी दहाड़ भी सुनी। इसके बाद ही नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व प्रशासन ने यह जानकारी सार्वजनिक की। इधर, फूलों की घाटी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती का कहना है जल्द घाटी में लगे ट्रैप कैमरों में हिम तेंदुए की मौजूदगी देखी जाएगी। अभी बर्फ अधिक होने के कारण ट्रैप कैमरों से चिप नही निकाली जा सकी है।
फूलों की घाटी में चार वर्ष पूर्व भी हिम तेंदुओं की मौजूदगी देखी गई थी। तब वह ट्रैप कैमरे में कैद हुए थे। अब एक बार फिर घाटी के गेट के पास दो हिम तेंदुओं के फुट मार्क मिले हैं। आस-पास मिले मल-मूत्र से भी इस बात की पुष्टि हुई है हिम तेंदुओं की संख्या दो है। नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के उप वन संरक्षक किशन चंद्र का कहना है कि अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार पार्क क्षेत्र में 12 हिम तेंदुए मौजूद हैं।
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इनमें से दो फूलों की घाटी, चार मलारी, दो गोरसों, दो अलकनंदा वन प्रभाग और दो फूलों की घाटी के बाहरी क्षेत्र में हैं। यह जैवविविधता के लिए बहुत अच्छा संकेत है। उप वन संरक्षक ने बताया कि अभी फूलों की घाटी पूरी तरह बर्फ के आगोश में है, इसलिए वहां वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है, जिससे वन्य जीवों की सुरक्षा को किसी तरह का खतरा पैदा न हो।
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दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों के सामने भोजन का संकट
फूलों की घाटी में अभी आठ से नौ फीट मोटी बर्फ की चादर बिछी है और घाटी में वन्य जीवों के लिए संरक्षित उडियार (प्राकृतिक गुफा) भी बर्फ से दबे हुए हैं। इससे दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है और वो निचले स्थानों का रुख कर रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने सभी दस उडियारों से भी बर्फ हटाने का निर्णय लिया है। ताकि वन्य जीव इनमें सुरक्षित रहें।
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