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अलकनंदा तट पर गंगा योग ध्यान केंद्र हैं बदहाल, नहीं गया किसी का ध्यान

पर्यटकों को लुभाने के लिए चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर गंगा योग-ध्यान केंद्रों ने आकार तो ले लिया लेकिन आठ साल बीतने के बाद भी इनका संचालन शुरू नहीं हो पाया।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 10:11 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:44 PM (IST)
अलकनंदा तट पर गंगा योग ध्यान केंद्र हैं बदहाल, नहीं गया किसी का ध्यान
अलकनंदा तट पर गंगा योग ध्यान केंद्र हैं बदहाल, नहीं गया किसी का ध्यान

गोपेश्वर, देवेंद्र रावत। पर्यटकों को लुभाने के लिए चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर गंगा योग-ध्यान केंद्रों ने आकार तो ले लिया, लेकिन आठ साल बीतने के बाद भी इनका संचालन शुरू नहीं हो पाया है। रख-रखाव के अभाव में ये बदहाल हो गए हैं। हालांकि, छीछालेदर से बचने के लिए अब उत्तराखंड पर्यटन विभाग इन योग-ध्यान केंद्रों, रेस्टोरेंट और ईको हट्स को किराये पर संचालित करवाने की कवायद में जुटा है। 

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हकीकत यह है कि लकड़ी के बने ईको हट्स लगभग बर्बाद हो चुके हैं। इनके लिए लकड़ी विदेश से मंगवाई गई थी। गंगा के प्रति आस्था रखने वालों के लिए पंचप्रयागों में प्रमुख विष्णु प्रयाग और नंदप्रयाग के पास दिउलीबगड़ में योग-ध्यान केंद्र और ईको हट्स का निर्माण हुआ। 

पर्यटन विभाग ने जोशीमठ के पास अलकनंदा और धौली गंगा के संगम विष्णु प्रयाग में वर्ष 2011 में 80 लाख की लागत से योग-ध्यान केंद्र और दो ईको हट्स का निर्माण कराया। जबकि 2014 में नंदप्रयाग के पास दिउलीबगड़ में अलकनंदा के तट पर दो करोड़ की लागत से योग-ध्यान केंद्र, रेस्टोरेंट और पांच ईको हट्स बनवाए गए। इनका संचालन आज तक शुरू नहीं हो पाया है। 

इन्हें बनाने के पीछे मंशा यह थी कि चमोली जिले में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब जैसे तीर्थ व पर्यटन स्थलों पर आने वाले यात्रियों को सुविधा मिल सके और पर्यटन बढ़ सके। संचालन समय पर शुरू क्यों नहीं हो सका और इस बीच इनकी देखरेख क्यों नहीं की गई, यह जांच का विषय हो सकता है। हालांकि पर्यटन विभाग इन योग-ध्यान केद्रों के संचालन के लिए लगातार पत्राचार कर रहा है। 

बताया जा रहा कि इन्हें निजी हाथों में सौंपे जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। लेकिन बनाने के बाद लावारिस छोड़ दिए जाने के कारण यह बदहाल स्थिति में हैं, लिहाजा जीर्णोद्धार के बाद ही इनका संचालन संभव हो पाएगा। इसमें समय लगना तय है।

सूत्रों के अनुसार, अलकनंदा व धौली गंगा के संगम विष्णु प्रयाग में बने गंगा योग-ध्यान केंद्र के संचालन के लिए जोशीमठ नगर पालिका की ओर से पर्यटन निदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे वर्ष 2018 में निदेशालय ने अस्वीकार कर दिया। 

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जल्द संचालन की उम्मीद 

जिला पर्यटन अधिकारी, चमोली बृजेश कुमार पांडे के मुताबिक, दिउलीबगड़ व विष्णु प्रयाग में ईको हट्स व योग-ध्यान केंद्र को निजी हाथों में देने के लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि जल्द इनका संचालन शुरू हो जाएगा। विष्णु प्रयाग योग-ध्यान केंद्र में एक साथ 50 और दिउलीबगड़ में 30 लोग योग-ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं।

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