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    पिता का सपना साकार कर रहा डॉक्टर बेटा

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 28 Feb 2017 07:30 AM (IST)

    स्वतंत्रता सेनानी स्व. राधाकृष्ण वैष्णव का सपना था कि पहाड़ के लोगों को अच्छा स्वास्थ्य मिले। उनके पुत्र ने ठान लिया कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएंगे।

    पिता का सपना साकार कर रहा डॉक्टर बेटा
    गोपेश्‍वर, [देवेंद्र रावत]: डॉ. गिरीश वैष्णव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दमा, थायराइड, मधुमेह, उच्च रक्तचाप व जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञ के रूप में पहचान रखते हैं। उनके लिए दिल्ली का शानदार कॅरियर छोड़ पहाड़ों में नौकरी करना संभव नहीं था। लेकिन, एक दिन दिल्ली के चिकित्सक मित्रों ने उन्हें पिता का सपना याद दिलाया। 
    उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी एवं पत्रकार स्व. राधाकृष्ण वैष्णव का सपना था कि पहाड़ के लोगों को भी अच्छा स्वास्थ्य मिले। सो, उन्होंने ठान लिया कि पहाड़ में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएंगे। वर्ष 2007 से हर साल वे चमोली जिले में नियमित रूप से दो निश्शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करते आ रहे हैं।
    डॉ. वैष्णव ने पहली बार दिसंबर 2004 में चमोली जिले के दूरस्थ गांव घाट में स्वास्थ्य शिविर लगाया, जो दो दिन तक चला। इसके बाद तो वे हर साल चमोली में स्वास्थ्य शिविर लगाने लगे। इसमें दिल्ली के 30 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों का सहयोग उन्हें निरंतर मिलता है। वर्ष 2007 में डॉ. वैष्णव ने एक के बजाय दो निश्शुल्क शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया और यह सिलसिला अब तक जारी है। 
    बकौल डॉ. वैष्णव, 'विशेषज्ञ चिकित्सकों का पहाड़ में हमेशा ही अकाल रहा है। ऐसे में उनका प्रयास रहता है कि स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से लोगों को कुछ तो राहत मिले। इसीलिए वे दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी सहयोग लेते हैं। यही नहीं, शिविर के बाद भी मरीज इलाज को लेकर उनसे संपर्क कर सकता है।' शिविरों के माध्यम से डॉ. वैष्णव अब तक एक लाख के आसपास लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा चुके हैं।
    नंदप्रयाग निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पत्रकार स्व. राधाकृष्ण वैष्णव के घर में जन्मे डॉ.गिरीश चंद्र वैष्णव की हाईस्कूल तक की शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज नंदप्रयाग में हुई। 11वीं की पढ़ाई राइंका गोपेश्वर से करने के बाद वे सहारनपुर चले गए और 1974 में वहां एचडी इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 1977 में उन्होंने सहारनपुर के महाराज सिंह डिग्री कॉलेज से प्रथम श्रेणी में बीएससी किया और इसी दौरान उनका चयन एमबीबीएस के लिए हो गया। वर्ष 1983 में वह एमबीबीएस और वर्ष 1986 में एमडी मेडिसन कर कानपुर मेडिकल कॉलेज से पास आउट हुए।

    इसी वर्ष डॉ. गिरीश चंद्र वैष्णव ने बत्रा हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट की नौकरी से कॅरियर की शुरुआत की। इसके बाद वह दिल्ली के अपोलो, मैक्स हॉस्पिटल, फोर्टिस, इंडो गल्फ हॉस्पिटल सहित नामी-गिरामी अस्पतालों में प्रमुख पदों पर तैनात रहे। वर्तमान में डॉ. वैष्णव नोएडा मेडिकल सेंटर का संचालन कर रहे हैं। लेकिन, पहाड़वासियों की सेवा के लिए लिया गया संकल्प उन्हें हर साल अपनी मातृभूमि में खींच लाता है।

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