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कोरोना संकट के बीच मछली बेचकर कमाए पांच लाख रुपये

जनपद चमोली के मत्स्य पालकों ने लॉकडाउन के दौरान मछलियों को बेचकर पांच लाख रुपये तक की आय अर्जित की है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

By Edited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 06:37 PM (IST)
कोरोना संकट के बीच मछली बेचकर कमाए पांच लाख रुपये
कोरोना संकट के बीच मछली बेचकर कमाए पांच लाख रुपये

गोपेश्वर (चमोली), जेएनएन। कोरोना संकट के बीच जिले में मछली पालन आर्थिकी को मजबूत करने में बेहद कारगर साबित हो रहा है। जनपद चमोली के मत्स्य पालकों ने लॉकडाउन के दौरान मछलियों को बेचकर पांच लाख रुपये तक की आय अर्जित की है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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जिले में मत्स्य विभाग ने हाल ही में राज्य के ट्राउट मत्स्य पालकों को मत्स्य प्रक्षेत्र बैरांगना से सात लाख ट्राउट मत्स्य बीज का आवंटन किया है। इसमें से 2.50 लाख मत्स्य बीज जनपद चमोली के मत्स्य पालकों में वितरित हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष मत्स्य विभाग द्वारा लगभग 100 तालाब एवं ट्राउट रेसवेज का निर्माण करवाया गया। जिसमें 2.50 लाख ट्राउट मत्स्य बीज एवं दो लाख कार्प मत्स्य बीज संचय किए जा चुके है। अभी भी मत्स्य बीज संचय की प्रक्रिया जारी है। जनपद में स्थित दोनों मत्स्य प्रक्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में मत्स्य बीज किसानों को वितरण के लिए उपलब्ध है। 

जिला मत्स्य प्रभारी जगदंबा कुमार ने बताया कि कोई भी किसान जिले में मत्स्य विभाग से संपर्क कर मत्स्य बीज ले सकते है। उन्होंने कहा कि चमोली जनपद में मछली पालन की भरपूर संभावनाएं है।

प्रवासी युवकों को मिल सकता है स्वरोजगार 

कोरोना संकट के चलते गांव लौटे प्रवासी नवयुवक मछली पालन व्यवसाय को अपनाकर स्वरोजगार कर सकते है। मत्स्य विभाग के माध्यम से जिला योजना, राज्य योजना, केन्द्र पोषित योजना के तहत बहुत ही आकर्षक एवं लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इच्छुक किसानों को मछली पालन के लिए तालाब और रेसवेज बनाने में भी मदद दी जा रही है। 

इन इलाकों में मिली सफलता 

वर्तमान में मत्स्य विभाग के माध्यम से जनपद के सूराईथोटा, वाण, माईथान जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी तालाब, रेसवेज बनाकर मत्स्य पालन के इच्छुक काश्तकारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन इलाकों में मत्स्य पालन सफलता से किया जा रहा है। मत्स्य विभाग की माने तो भविष्य में विभाग के माध्यम से जिले में एग्लिंश, फिश आउटलेट, वैल्यू एडिसन एवं रंगीन मछलियों (एक्वेंरियम फिश) जैसे कार्यों को वृहद स्तर पर करवाकर अधिकाधिक रोजगार सृजन करने का लक्ष्य है। 

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इन मत्स्य पालकों मिला फायदा 

मत्स्य पालकों ने मछली व्यवसाय से अच्छी आय अर्जित की है। जिसमें लॉकडाउन के दौरान ही गैरसैंण क्षेत्र के आनंद सिंह ने लगभग एक लाख, देवभूमि मत्स्य जीवी सहकारी समिति ल्वाणी ने 70 हजार, गोदी गिवाला के सतेन्द्र सिंह ने 60 हजार, बैरांगना के दिलबर लाल ने 40 हजार, बैरांगना के वीरेंद्र राणा ने 50 हजार, बैरांगना के ही मुकेश कुमार ने 20 हजार और अन्‍य ने एक लाख 60 हजार की मछलियां बेची।

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