Uttarakhand: बदरीनाथ नगर पंचायत की अनोखी पहल, चारधाम यात्रा में 230 टन कूड़ा बेचकर कमाए आठ लाख रुपये
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ नगर पंचायत ने 230 टन कूड़ा बेचकर आठ लाख रुपये कमाए। इस पहल से पंचायत को अच्छी आय हुई है और स्वच्छता बनाए रखने में भी मदद मिली है। यह अन्य पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

चमोली जिले की नगर पंचायत बदरीनाथ ने चारधाम यात्रा में कूड़े से अच्छी आया की।
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर (चमोली): चमोली जिले की नगर पंचायत बदरीनाथ ने इस बार की चारधाम यात्रा में कूड़ा प्रबंधन से न सिर्फ अपनी आय में वृद्धि की अपितु धाम में स्वच्छता का माडल भी विकसित किया।
यात्राकाल के दौरान 230 टन कूड़े का निस्तारण कर आठ लाख 89 हजार से अधिक रुपये कमाए गए। यात्राकाल में बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन दो टन जैविक-अजैविक कचरा एकत्रित होता है।

बदरीनाथ धाम की यात्रा पर देश-विदेश से लाखों तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं। इस कारण धाम में सफाई व्यवस्था भी किसी चुनौती से कम नहीं है। यहां सफाई व्यवस्था का जिम्मा नगर पंचायत के पास है। ऐसे में नगर पंचायत ने स्वच्छता का माडल विकसित किया।
वर्ष 2021 में इसके तहत कूड़ा इकट्ठा करने व उसके निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई। नगर क्षेत्र में कूड़ादान और कूड़ा एकत्र करने वाले वाहनों की संख्या बढ़ाई गई और कूड़े को ही समृद्धि का आधार बना लिया।
ऐसे किया काम
- प्रतिवर्ष यात्राकाल में पर्यावरण मित्रों की तैनाती की जाती है।
- इस कूड़े को पर्यावरण मित्रों की सहायता से निस्तारण कैंप में पहुंचाया जाता है।
- कूड़ा निस्तारण के लिए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर, कांपेक्टर मशीन, आर्गेनिक वेस्ट कनवर्टर मशीन के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं।
- नगर पंचायत की ओर से प्लास्टिक और अन्य कचरे के ब्लाक बनाकर विपणन किया जाता है।
- खाद्य सामग्री के कचरे से कंपोस्ट खाद बनाकर बेचा जा रहा है।
आय का विवरण
- 133 टन सूखे कूड़े के ब्लाक और 97 गीले कूड़े की कंपोस्ट खाद बनाकर आठ लाख 89 हजार 598 रुपए कमाए
- ईको पर्यटक शुल्क के माध्यम से एक करोड़ 14 लाख 97 हजार 56 रुपए की आय अर्जित की
- फास्ट टैग बैरियर से 92 लाख 60 हजार 796 रुपये की आय
- हेलीकाप्टर संचालन से मिलने वाले शुल्क से 22 लाख 36 हजार 260 लाख की आय
चलाया डीप सेनेटाइजेशन
धाम के कपाट बंद होने के बाद नगर पंचायत बदरीनाथ की ओर से सफाई व्यवस्था को चाक चौबंद रखने के लिए डीप सेनेटाइजेशन अभियान चलाया गया। पर्यावरण मित्रों की ओर से मंदिर परिसर के साथ ही ब्रह्मकपाल, तप्त कुंड, बामणी पैदल मार्ग, मुख्य बाजार, साकेत चौराहे, बदरीश झील, शेषणेत्र झील के आसपास सफाई अभियान चलाया गया।

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