Badrinath Dham gate close: शीतकाल के आज बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, साक्षी बनने पहुंचे हजारों श्रद्धालु
Badrinath Dham door close बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार दोपहर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। मंदिर को 12 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। इस साल लगभग 16 लाख 55 हजार श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे। 26 नवंबर को उद्धव जी, कुबेर जी और शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर पहुंचेगी। कपाट बंदी की सभी विधियां आज संपादित की जाएंगी।

कपाट बंदी बदरीनाथ धाम को सजाया गया 12 क्विंटल फूलों से।
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर (चमोली): Badrinath Dham Winter Closure बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर बाद 2:56 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। श्री बदरीनाथ मंदिर को 12 क्विंटल गेंदे के पुष्पों से सजाया गया है।
मंदिर के सिंह द्वार की अद्भुत मनोरम छठा देख श्रद्धालु भाव विभोर हुए। अब तक करीब 16 लाख 55 हजार श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं । वहीं, 26 नवंबर को उद्धव जी, कुबेर जी व शंकराचार्य जी की गद्दी डोली पांडुकेश्वर पहुंचेगी।
भू-बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट देव पूजा के लिए आज दोपहर दो बजकर 56 मिनट के शुभ मुहूर्त पर बंद होंगे। पंच पूजा का आज मंगलवार को अंतिम दिन है। आज प्रातः चार बजे से शुरू हुआ पुष्प शृंगार महा अभिषेक पूजन, बाल भोग, राजभोग का समय सुबह नौ बजे तक संपादित हुआ।
कपाट बंदी का कार्यक्रम
- 12 बजकर 15 मिनट पर : बदरी विशाल की सायंकालीन पूजाएं भी आज
- दोपहर एक बजे : महा लक्ष्मी जी का गर्भ गृह में होगा प्रवेश।
- दोपहर 1:40 बजे: उद्धव जी, कुबेर जी ओर गरुड़ जी का गर्भ गृह से बहिर्गमन होगा
- दोपहर 1.40 बजे से कपाट निमिलन की विधियां संपादित होगी।
- दोपहर 2: 56 मिनट पर देव पूजा के लिए श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।
रावल लेंगे स्त्री वेश
बदरीनाथ के कपाट बंद करने से पहले माता लक्ष्मी को रावल की ओर से मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा। रावल को इसके लिए स्त्री भेष धारण करना पड़ता है।
लक्ष्मी की सहेली का रूप में रावल की ओर से लक्ष्मी को गर्भ गृह में भगवान नारायण के साथ स्थापित कर उन्हें घृत कंबल से ओढ़ाया जाएगा।
इसी के साथ ही बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। यह घृत कंबल को माणा की कुंवारी कन्याएं बनाती है, जो स्थानीय बकरी की ऊन से बनाया जाता है।
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