बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड, जम रहा पानी; मंदिर सुरक्षा में आईटीबीपी जवान
बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड से महायोजना पर असर पड़ रहा है, पानी जम रहा है, फिर भी 400 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। ठंड के चलते कुछ मजदूर लौट गए हैं ...और पढ़ें

बदरीनाथ धाम में कडाके की ठंड। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम में कडाके की ठंड का असर प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ महायोजना पर पड़ रहा है। यहां पानी भी ठंड से जम रहा है। हालांकि अभी भी 400 से अधिक मजदूर कर्मचारी महायोजना के कार्य में जुटे हैं। लेकिन ठंड के चलते 100 से अधिक मजदूर बदरीनाथ धाम को छोड़ चुके हैं। बताया गया कि यात्रा काल के दौरान नर पर्वत इलाके क्षेत्र में साकेत तिराहे से लेकर काली कमली तक ,दिक्कत हुई थी जिन कार्यों को अब तेजी से किया जा रहा है।
बदरीनाथ महायोजना के कार्य को लेकर इन दिनों रीवर फ्रंट का कार्य चल रहा है। इसके अलावा ईवी ट्रेक का निर्माण कार्य भी इन दिनों किया जा रहा है। बताया गया कि सबसे ज्यादा दिक्कत सीमेंट वर्क के सेट होने की हो रही है। हालांकि अभी भी 400 से अधिक मजदूर कर्मचारी महायोजना के कार्य में जुटे हुए हैं। बदरीनाथ में महायोजना के कार्य कड़ाके की ठंड के बाद भाी आगे बढ़ रहा है। बताया गया कि बदरीनाथ धाम से 100 से अधिक मजदूर ठंड के चलते वापस लौट आए हैं। महायोजना का कार्य देख रहे लोनिवि पीआईयू भारी बर्फबारी तक निर्माण कार्य जारी रखने की रणनीति पर कार्य कर रहा है।
बताया गया कि अभी धाम में - 10 तक तापमान जा रहा हैं । तालाबों में तो पानी भी जमने लग गया है। बताया गया कि निर्माण एजेंसियां पिछले साल की भांति जनवरी माह तक कार्य करने की रणनीति बनाई गई है। इसी रणनीति के तहत बदरीनाथ धाम में पर्याप्त राशन के साथ मजदूरों ,कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था भी की गई है। बताया गया कि दो साल से जनवरी माह के मध्य तक भारी बर्फ जमने के बाद महायोजना का कार्य रोका गया था। इस बार भी शीतकाल में महायोजना के कार्य को लेकर मौसम पर निर्भर है।
मंदिर सुरक्षा में आईटीबीपी जवान
महायोजना के निर्माण कार्य के चलते बदरीनाथ थाना भी अभी बदरीनाथ में ही मौजूद है । जबकि इससे पूर्व कपाट बंद होने के बाद थाना हनुमान चट्टी शिफ्ट होता था। लेकिन इस बार थाना अभी सुचारु रहने से बाहरी लोगों पर निगरानी है। बताया गया कि बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा आईटीबीपी द्वारा की जा रही है। इसके अलावा मंदिर समिति के गार्ड भी धाम में मौजूद हैं।
पीएमओ स्तर पर विशेषज्ञों की टीम पुर्नविचार कर करेंगी सुरक्षात्मक कार्य
बदरीनाथ मंदिर के ठीक नीचे तप्तकुंड व नारदकुंड की तलहटी पर अलकनंदा किनारे रोका गया रीवर फ्रंट का कार्य को शुरु करने के लिए फिलहाल पीएमओ स्तर पर अभी अंतिम रुप नहीं दिया गया है। अब इस कार्य को अगले साल ही शुरु होने की उम्मीद है। बताया गया कि तप्तकुंड व नारदकुंड के गर्म प्राकृतिक स्रोतों से छेडछाड व मंदिर की तलहटी में रीवर फ्रंट के कार्यों के दौरान छेडछाड से भविष्य के खतरों के अंदेशों को देखते हुए 100 मीटर क्षेत्र में कार्य रोका गया था। यहां वर्तमान कार्ययोजना पर पीएमओ स्तर पर विशेषज्ञों की टीम पुर्नविचार कर रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
बदरीनाथ महायोजना में रीवर फ्रंट , ईवी ट्रेक ,भवनों का अवशेष कार्य तेजी से चल रहा है। कडाके की ठंड के बाद भी निर्माण कार्यों को लेकर उत्साह है। बर्फबारी के बाद ही निर्माण कार्यों को स्थगित करने को लेकर रणनीति बनाई गई है। - योगेश मनराल, अधिशासी अभियंता लोनिवि पीआईयू
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