शीतकाल के लिए 25 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, पहले दिन होगी भगवान गणेश की पूजा
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने से पहले भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाएगी। मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से दर्शन के लिए 25 नवंबर से पहले आने का आग्रह किया है।

बदरीनाथ धाम।
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर: विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार 25 नवंबर को दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार से पंच पूजाएं शुरू होंगी।
बदरीनाथ धाम में अब तक 16,35,878 यात्री दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों कड़ाके की ठंड के बाद भी यात्रियों में यात्रा को लेकर उत्साह है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह है।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया
- पहले दिन 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी। उसी दिन शाम को भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे।
- दूसरे दिन 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे।
- तीसरे दिन 23 नवंबर को खडग-पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा।
- चौथे दिन 24 नवंबर मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग चढ़ाकर भगवान नारायण की ओर से मंदिर में आने के लिए न्योता दिया जाएगा।
- 25 नवंबर को दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।
- 26 नवंबर प्रातः को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी सहित रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेंगे।
- श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी शीतकाल में गद्दीस्थल पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी 27 नवंबर को श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंचेगी।
मंदिर को फूलों से सजाया जायेगा
कपाट बंद होने के उत्सव को यादगार बनाने के लिए बदरीनाथ धाम में मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा
ये लोग रहेंगे मौजूद
कपाट बंद के समय बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवान, रावल अमरनाथ नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी , कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल हकहकूकधारी एवं तीर्थ पुरोहित एवं श्रद्धालुजन मौजूद रहेंगे।

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