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    नंदाष्टमी मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम; संगीता मी फोन करूं... पर थिरके लोग

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 02:08 PM (IST)

    Nandashtami Fair In Bageshwar कत्यूर घाटी के प्रसिद्ध कोट भ्रामरी नंदाष्टमी मेले (Nandashtami Fair) में देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर दर्शकों को बांधे रखा। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कोट भ्रामरी व मां नंदा का विस्तृत इतिहास बताया। नंदाष्टमी मेले के दूसरे दिन सुबह से ही मेले में आस्था का सैलाब उमड़ा।

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    Nandashtami fair in Bageshwar: नंदाष्टमी मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब

    संवाद सूत्र, गरुड़: Nandashtami Fair In Bageshwar: कत्यूर घाटी के प्रसिद्ध कोट भ्रामरी नंदाष्टमी मेले (Nandashtami Fair) में देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर दर्शकों को बांधे रखा। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कोट भ्रामरी व मां नंदा का विस्तृत इतिहास बताया।

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    नंदाष्टमी मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब

    नंदाष्टमी मेले के दूसरे दिन सुबह से ही मेले में आस्था का सैलाब उमड़ा। सुबह से ही पूजा-अर्चना का दौर जारी रहा। रात में देवी अवतरित हुई और लोगों को आशीर्वाद दिया। देर रात तक सुप्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय, जितेंद्र तोमक्याल, रमेश बाबू गोस्वामी, राकेश खनवाल और गोविंद गिरी के गीतों पर लोग झूमते नजर आए।

    माया उपाध्याय ने गाया अपना सुप्रसिद्ध लोक गीत

    माया उपाध्याय ने अपना सुप्रसिद्ध लोक गीत क्रीम पौडरा घिसनी किलै नै, मेरी निर्मला हंसनी किलै नै... गाया तो मेलार्थी अपने स्थान पर झूमने लगे। उन्होंने आज का दिना, घास काटुनो इजू....समेत एक से बढ़कर एक गीत गाए तो दर्शक अपने स्थान पर खड़े होकर नाचने लगे।

    लोक गायक जितेंद्र के गाने पर थिरके लोग

    लोक गायक जितेंद्र तोमक्याल ने संगीता मी फोन करूं तु नी उठाली, राकेश खनवाल ने हुमुली, रमेश बाबू ने गोपुलि गीत गाया तो दर्शक अपने स्थान पर जमकर थिरकने लगे। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों पर खूब तालियां बटोरी। स्थानीय लोक गायिका कमला देवी, गायक प्रदीप गुरूरानी के गीतों की दर्शकों ने खूब सराहना की। संचालन चंद्रशेखर बड़सीला ने किया।

    स्कूली बच्चों ने मोहा मन

    मेले में दिनभर क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। स्कूली के बच्चों ने अनेक रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।

    देवी के ननौल गाए

    कोट भ्रामरी मेले की दूसरी रात्रि को द्योनाई व भगरतोला के बोरा जाति के लोगों ने मां नंदा के ननौल गाए। इस दौरान मेला संरक्षक शिव सिंह बिष्ट, केदार सिंह बोरा, रणजीत सिंह बोरा, गोविंद सिंह, कैलाश बोरा आदि उपस्थित थे।

    महिलाओं ने बढ़ाई कौतिक की रौनक

    नंदाष्टमी के अवसर पर कौतिक देखने के लिए दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से कौतिक्यार डंगोली पहुंचे। महिलाओं ने जहां चूड़ी, चरेऊ, बिंदी व अन्य सौंदर्य प्रसाधन खरीदे, वहीं बच्चों ने उंचे-उंचे झूलों का आनंद लिया। कौतिक में इस बार खासी जनभागीदारी देखने को मिली।

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    भगनौल रहे आकर्षण का केंद्र

    चौखुटिया-गेवाड़ के बुजुर्ग लोक गायकों द्वारा गाए गए भगनौल मेले का खास आकर्षण रहे। साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट का कहना है कि यहीं मेले का पौराणिक व वास्तविक स्वरूप है। गायक जसवंत सिंह, नंद राम, दुर्गा राम का कहना है कि युवा पीढ़ी को भगनौल में रुचि लेनी चाहिए।

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