Leopard Attack: बहादुर बेटी ने बचाई पिता की जान, गुलदार के जबड़े से खींच लाई
अल्मोड़ा के चौखुटिया में एक बहादुर बेटी ने अपने पिता को गुलदार के हमले से बचाया। गुलदार, चंदन राम को सीढ़ियों से घसीट रहा था, तभी उनकी बेटी गीता देवी ...और पढ़ें

61 वर्षीय चंदन राम केशर बैराठ के रतनपुर में किराये के मकान में पत्नी व पुत्री के साथ रहते हैं। जागरण
संस, चौखुटिया, (अल्मोड़ा)। जन्मदाता की जान पर संकट आन पड़ा हो तो संतान भी हर परिस्थिति से मोर्चा लेने उतर पड़ती है। पहाड़ की बहादुर बेटी ने कुछ ऐसे ही मोर्चा लेते हुए गुलदार के जबड़े से पिता को मुक्त करा लिया। गुलदार अपने जबड़े में बुजुर्ग पिता को घर की सीढ़ियों से घसीटते हुए ले गया था जिससे उनके गर्दन, सिर व चेहरे पर घाव हो गए। अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। घटना गुरुवार देर रात करीब एक बजे की है।
मूल रूप से भटकोट गांव निवासी 61 वर्षीय चंदन राम केशर बैराठ के रतनपुर में किराये के मकान में पत्नी व पुत्री के साथ रहते हैं। भवन का मुख्य गेट बंद था। रात में दूसरी मंजिल के बरामदे में बंधे कुत्तों के भौंकने की आवाज सुन गुलदार छत पर चढ़ने के बाद सीढ़ियों से उतरकर वहीं पहुंच गया। कुत्ते जोर-जोर से भौंकने लगे तो चंदन राम ने बाहर देखने के लिए कमरे का दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही गुलदार चंदन पर झपट पड़ा और उन्हें घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे की मंजिल की ओर ले जाने लगा।
इतने में उनकी 24 वर्षीय पुत्री गीता देवी भी दौड़ते हुए बाहर निकली। उसने पिता को गुलदार के जबड़े में देखा तो शोर मचा दिया। मकान में रहने वाले सभी लोग भी जग गए। इतनी देर में फुर्ती दिखाते हुए गीता दौड़ी और पीछे से गुलदार पर वार कर दिया। शोर व हमले से घबराया गुलदार चंदन राम को छोड़ फिर सीढ़ियों से छत पर चढ़कर भाग गया।
गर्दन, सिर व चेहरे में दांत व नाखून के गंभीर घाव हो जाने से चंदन राम लहूलुहान हो गए। जिन्हें रात दो बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चौखुटिया लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के साथ ही डाक्टरों ने उनके घावों में 35 टांके लगाए। गंभीर घायल होने से शुक्रवार को उन्हें हायर सेंटर बेस अस्पताल अल्मोड़ा रेफर कर दिया गया। वन क्षेत्राधिकारी गोपाल दत्त जोशी व रेंज अधिकारी विक्रम सिंह कैड़ा ने अस्पताल पहुंचकर उन्हें 10 हजार की आर्थिक सहायता राशि दी। इधर, लोगों ने गीता देवी की हिम्मत की दाद देते हुए उनकी सराहना की।

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