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    अनशनकारी ललित बिष्ट का स्वास्थ्य बिगड़ा, प्रशासन ने विरोध के बावजूद पहुंचाया सीएचसी देघाट

    By Deep Bora Edited By: Sunil Negi
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 07:04 PM (IST)

    स्याल्दे में चौकोट संघर्ष समिति का बुनियादी मुद्दों पर आंदोलन जारी है। अनशन पर बैठे ललित बिष्ट का स्वास्थ्य बिगड़ने पर प्रशासन ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। अन्य आंदोलनकारी भूख हड़ताल पर डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनकी मांगों में स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी का दर्जा देना और आइटीआइ में ट्रेड शुरू करना शामिल है।

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    आमरण अनशन पर डटे ललित बिष्ट का स्वास्थ्य बिगड़ने परआपातकालीन 108 सेवा से सीएचसी देघाट ले जाती पुलिस प्रशासन की टीम।

    संस, जागरण. स्याल्दे: स्वास्थ्य, शिक्षा आदि बुनियादी मुद्दों पर चौकोट संघर्ष समिति का आंदोलन थमता नहीं दिख रहा। इधर लगातार वजन गिरने से आमरण अनशन पर डटे ललित बिष्ट का स्वास्थ्य बिगड़ने से प्रशासन में हड़कंप मच गया।

    तहसीलदार आबिद पुलिस टीम के साथ अनशन स्थल पर पहुंचे। आंदोलनकारी के विरोध के बावजूद उसे आपातकालीन 108 सेवा से सीएचसी देघाट पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सुधार होने पर घर भेज दिया गया। वहीं सरकार के विरुद्ध नारेबाजी के बीच दूसरा आंदोलनकारी भूख हड़ताल पर डटा रहा।

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    अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र स्याल्दे को सीएचसी का दर्जा, मानक के अनुरूप चिकित्सकों की तैनाती, खस्ताहाल आइटीआइ में पुन: ट्रेड शुरू कर अनुदेशकों की नियुक्ति, महाविद्यालय में बीबीए व बीटेक की कक्षा शुरू करने समेत तमाम क्षेत्रीय मुद्दों पर लोग आंदोलित हैं। कई बार मांगें उठाने के बावजूद सुनवाई न हुई तो चौकोट संघर्ष समिति के आह्वान पर आमरण व क्रमिक अनशन साथ शुरू कर दिया गया।

    लगातार नौ दिन से भूख हड़ताल पर डटे ललित बिष्ट का वजन गिरने से सोमवार को हालत बिगड गई। स्वास्थ परीक्षण पर पता लगा कि अनशनकारी का वजन लगभग 10 किलो घट गया है।

    पता लगने पर तहसीलदार आबिद अली, एएसआइ राजबीर सिंह, गंगा प्रसाद, उपेंद्र सिंह, दीपिका आदि पुलिस कर्मी ललित को चिकित्सालय ले जाने लगे। मगर वह विरोध करने लगा। मगर उसकी हालत देख तहसीलदार ने अनशनकारी को समझाया कि स्वास्थ बिगड रहा है।

    उपचार प्राथमिकता है। स्वस्थ होने पर आंदोलन में शामिल हो सकते हो। उधर चिकित्सकों के अनुसार प्राथमिक उपचार के बाद हालत में सुधार देख घर भेज दिया गया। अनशनकारी को आराम करने की सलाह दी गई है।

    आंदोलन ने पकड़ा और जोर

    अनशनकारी को उठाने के बाद आंदोलन और तेज कर दिया गया। चार दिन से आमरण अनशन पर राकेश बिष्ट डटे रहे। वहीं क्रमिक अनशन गीता देवी, विमला देवी, मंजू देवी, प्रतिमा, दीपा मंचवाडी बैठी।

    सोमवार को उपपा के केंद्रीय संयोजक पीसी तिवारी, राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, साहित्यकार चारू तिवारी, बसंत उपाध्याय आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विजय उनियाल, जितेंद्र रजवार, दिगंबर धौलाखंडी, इंदर सिंह रजवार, वीरेंद्र नेगी, दौलत खाती, मनोज पटवाल, महिला मंगल दल की बिमला देवी, जानकी जोशी, महेशी बिष्ट, मंजू उप्रेती, दिया पपनोई, ममता बिष्ट, धर्मा देवी, मंजू बिष्ट, कमला नेगी, मंजू रावत आदि भी धरने पर बैठे।

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