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    काशी विश्वनाथ मंदिर के नए सीईओ से संभाला कार्यभार, बाबा के दरबार में पहले टेका मत्था; फिर किया निरीक्षण

    Updated: Fri, 02 Feb 2024 08:41 AM (IST)

    Kashi Vishwanath श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के नवागत मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बुधवार की शाम मंदिर का कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने सबसे पहले बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। जल चढ़ाकर बाबा को श्नान कराया। पूजा के बाद विश्व भूषण मिश्र ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को ईमानदारी और सेवाभाव से काम करने की सलाह दी।

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    कार्यभार ग्रहण करने के पूर्व बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करते मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के नवागत मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बुधवार की शाम मंदिर का कार्यभार ग्रहण किया। इसके पूर्व उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार में जाकर बाबा का षोडशोपचार पूजन किया और बाबा से मंगल कामना की।

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    इसके बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मंदिर परिसर में भ्रमण कर व्यवस्था को जाना। उन्होंने मंदिर की व्यवस्था में लगे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को ईमानदारी और सेवाभाव से काम करने की सलाह दी। इस दौरान मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्र, डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

    भक्तों को शुद्ध वायु प्रदान करेगा स्मॉग टावर

    काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ धाम जाने वाले भक्तों की पैदल चलकर फूली हुई सांस, धाम के पास पहुंचते ही संयत होने लगेगी, जब फेफड़ों को शुद्ध प्राणवायु मिलेगी। जिस तरह भगवान शिव ने समुद्र मंथन में गरल पीकर सृष्टि की रक्षा की थी, उसी तरह यहां उनके भक्तों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा ‘स्मॉग टावर’। हवा में व्याप्त खतरनाक धूल कणों को अवशोषित कर भक्तों को शुद्ध हवा उपलब्ध कराएगा।

    नगर निगम लगाएगा टावर

    बाबा धाम के आसपास आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध हवा उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय ने योजना बनाई है। इसके लिए स्वीकृति भी मिल गई है। अब नगर निगम द्वारा भूमि उपलब्ध कराने के बाद टावर स्थापना की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।

    यहां तलाशी जा रही भूमि

    प्रवेश द्वार क्रमांक चार के आसपास भूमि की तलाश क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डा. एससी शुक्ल ने बताते हैं कि बाबा विश्वनाथ धाम में प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु पर्यटक आते हैं। यहां भीड़ अधिक होने से हवा में धूल के कणों की मात्रा अधिक हो सकती है। इसलिए प्रवेश द्वार चार के आसपास भूमि की तलाश की जा रही है। स्थान मिल गया तो अगले माह से टावर की स्थापना का कार्य आरंभ हो जाएगा।

    क्या है स्मॉग टावर

    स्मॉग टावर बड़े पैमाने पर हवा के शुद्धिकरण की एक यांत्रिक संरचना है। यह तीन दिशाओं से दूषित हवा को खींचता है। टावर में हवा कई परतों से गुजरती है। इसमें लगी मशीनें उसमें व्याप्त 2.5 एवं 10 माइक्रान के धूल कणों को अवशोषित कर लेती हैं और उन्हें नीचे बने डस्ट कलेक्टर (धूल संग्राहक) में पहुंचा देती हैं। साफ हुई हवा को इसमें लगे बड़े-बड़े एक्झास्ट पंखे बाहर फेंकते हैं। आठ से 10 फीट ऊंचा टावर, 200 मीटर क्षेत्र की हवा करेगा शुद्ध डा. शुक्ल बताते हैं कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास लगाया जाने वाला स्मॉग टावर बहुत बड़ा नहीं होगा। इसकी ऊंचाई अभी आठ से 10 फीट ही प्रस्तावित की गई है। इतना बड़ा टावर 200 मीटर के क्षेत्र की हवा को शुद्ध करने में सक्षम होगा।

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