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    UP News: अब 'यूजर चार्ज' से पंचायतों की भरेगी झोली, बढ़ेंगी जनसुविधाएं

    Updated: Sun, 11 May 2025 09:00 AM (IST)

    वाराणसी की ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में यूजर चार्ज के रूप में 16 लाख रुपये से अधिक की आय हुई। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से ग्रामीणों को ऑनलाइन सुविधाएँ मिल रही हैं। आरआरसी पर खाद बन रही है जिससे महिला समूह सशक्त हो रही हैं। छोटी पंचायतें भी अब आय बढ़ाने की दिशा में अग्रसर हैं।

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    छोटी पंचायतें भी आमदनी की राह पर चलीं, संसाधन पर बल। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। ग्राम पंचायतों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। बड़ी पंचायतों में सामुदायिक शौचालय, घर-घर से कूड़ा उठान, पंचायत में स्थापित कामन सर्विस सेंटर, पेयजल सुविधा से पंचायतों को यूजर चार्ज मिल रहा है।

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    पिछले वित्तीय वर्ष में 16 लाख रुपये से अधिक यूजर चार्ज के रूप में धनराशि पंचायतों की झोली में आई थी। पंचायतें सशक्त हो रही है। हालांकि अभी छोटी पंचायतों में यूजर चार्ज प्रभावी नहीं हो पाया है।

    जनपद के लगभग समस्त 694 ग्राम पंचायत सचिवालय में सीएससी (कामन सर्विस सेंटर) स्थापित है। इसका उद्देश्य गांवों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, सरकारी सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना और नागरिकों को सशक्त बनाना है। अब सीएससी के माध्यम से ग्रामीण को आय, जाति, निवास, आधार कार्ड समेत अन्य प्रमाण पर आसानी से बन रहे हैं। ग्रामीणों को इसके लिए शहर की भागदौड़ नहीं करनी पड़ती है।

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    मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक कर समस्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत को निर्देशित किया था कि सभी 694 ग्राम पंचायत में आरआरसी का संचालन शुरू किया जाए। यूजर चार्ज कलेक्शन किया जाए।

    ग्राम पंचायत। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)


    कूड़ा निस्तारण करने के लिए स्थापित रिसोर्स रिकवरी सेंटर यानी आरआरसी समस्त गांवों में बनाया गया है। बहुतायत गांवों में नियमित कूड़ा का उठान हो रहा है। सफाई्र कर्मचारी के अलावा कूड़ा उठान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूह की महिलाओं का भी लगाया गया है। कूड़ा उठान के लिए ई रिक्शा समेत अन्य समस्त संसाधन पहले ही पंचायतों को उपलब्ध करा दिए गए हैं।

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    आरआरसी सेंटर कूड़ा एकत्रित किया जाता है। समूह की महिलाएं कूड़ा से प्लास्टिक को अलग करती हैं। इसके बाद यह प्लास्टिक निस्तारण के लिए प्लांट भेजा जा रहा है। गीला कूड़ा से महिलाएं खाद बना रही है। यह किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

    कूड़ा उठान बहुतायत पंचायतों में निश्शुल्क हो रहा है लेकिन अब पंचायतें न्यूनतम राशि तय कर इससे आमदनी की तैयारी में हैं। पंचायतों में सड़क, पानी, आवास समेत अन्य सरकारी सुविधाओं से तेजी से आच्छादित किया जा रहा है।इसके अलावा हाट बाजार की स्थापना के साथ ही महिलाओं व युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।