Varanasi Weather Update: दिखे सूरज पर कोहरे से कुम्हलाई किरणें, गलन का पलड़ा भारी
मंगलवार को वाराणसी में सूरज निकला, लेकिन बर्फीली हवाओं और कोहरे के कारण गलन बनी रही। अधिकतम तापमान बढ़ा, पर शीत दिवस का प्रभाव रहा। घने कोहरे से दृश्य ...और पढ़ें

गंगा में चलती नाव। जागरण
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मंगलवार को चौथे दिन सूरज ने आंखें खोली, दोपहर बाद कोहरे की चादर से बाहर निकले तो दृश्यता बढ़ी, थोड़ा उजास भी लेकिन बर्फीली पछुआ के कारण किरणें फिर कुम्हलाई रहीं। हल्की मरियल सी धूप का कोई असर तो न दिखा लेकिन अधिकतम तापमान में वृद्धि जरूर हुई। फिर भी शीत दिवस बना ही रहा। पूरे दिन गलन का पलड़ा भारी बना रहा। मोटे ऊनी कपड़ों का कव भेद कर ठंड हाड़ ठिठुराती रही।
थोड़ी सी धूप से बतपुर क्षेत्र में अधिकतम तापमान बीते 24 घंटे की अपेक्षा 2.3 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 17.3 डिग्री सेल्सियस पर तो आया परंतु सामान्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे ही रहा। इधर कोहरे की चादर फटते ही न्यूनतम तापमान बीते 24 घंटे में चार डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया और सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस नीचे सात पर आ गया।
घने कोहरे के कारण उस क्षेत्र में दृश्यता महज 50 मीटर रही, इसके चलते कई उड़ानें निरस्त करनी पड़ीं तो अनेक विलंबित रहीं। यही हाल रेलवे परिसंचालन का भी रहा। इन परिस्थितियों ने शीत दिवस बनाए रखा। इधर बीएचयू क्षेत्र में अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई और यह सामान्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस नीचे 18.9 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान मे 2.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई और यह सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस अधिक नौ डिग्री सेल्सियस रहा। इस क्षेत्र में न्यूनतम दृश्यता सुबह आठ बजे तक 300 मीटर रही।
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दो जनवरी से आएगा थोड़ा परिवर्तन, कम होगा कोहरा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के लखनऊ स्थित आंचलिक कार्यालय के वरिष्ठ विज्ञानी डा. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को शीत दिवस का प्रभाव प्रदेश में घटा और यह कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, बस्ती, बांदा, हमीरपुर, बरेली, इटावा एवं आसपास के क्षेत्रों तक ही सीमित रहा। आगामी दो जनवरी से पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े भाग में कोहरे के घनत्व में कमी आने तथा इसके प्रदेश के छुटपुट भाग तक सीमित रह जाने की संभावना है।
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एक जनवरी यानी नववर्ष के प्रथम दिन तक तो वातावरण ऐसा ही बना रहेगा, कुहरा व गलन का प्रभाव रहेगा। दो जनवरी से इसके पीछे आ रहे पश्चिमी विक्षोभ की लहर का प्रथम चरण यानी वार्म फ्रंट इस ओर से गुुजरेगा तो अगले दो-तीन दिनों तक तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है और इस अवधि में ठंड से राहत मिल सकती है। इसके बाद पांच या छह जनवरी से फिर ठंड बढ़ जाएगी।

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