SIR In UP: बनारस में मतदाता सूची से हटाए गए 5.72 लाख मतदाता, 'नो मैपिंग' वोटरों को देने होंगे साक्ष्य
वाराणसी में विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान मतदाता सूची से 5.72 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इनमें मृतक, अनुपस्थित और स्थायी रूप से ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, वाराणसी। विधानसभा मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) में अब गणना प्रपत्र भरने व जमा करने की अवधि समाप्त हो चुकी है। अब वोटर लिस्ट के आलेख प्रकाशन की तैयारी है। एसआइआर के दौरान जनपद में कुल 31 लाख 53 हजार 705 मतदाता में से पांच लाख 72 हजार 947 वोटरों का नाम हटा दिया गया है।
इसमें मृतक वोटरों की संख्या 76, 197, अनुपस्थित वोटर एक लाख 86 हजार 101, पर्मानेंटली शिफ्टेड वोटरों की संख्या सर्वाधिक दो लाख 52 हजार 312, पहले से इनरोल्ड वोटर की संख्या 46, 992 है। इस तरह पांच लाख 72 हजार 947 मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। हालांकि ऐसे वोटरों के पास अब दावा आपत्ति का मौका है। मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद यह लोग अपना दावा कर सकते हैं। नाम गलत ढंग से कटा होगा तो इन्हें पुन: फार्म भरकर नए सिरे से मतदाता बनना होगा।
दूसरी तरफ जिले में 24 लाख 705 मतदाता की वर्ष 2003 की मतदाता सूची से पूरी तरह मिलान हो चुका है। नो मैपिंग की सूची में एक लाख 71 हजार 403 वोटर है। अब इन सभी को नोटिस जारी होगा। आयोग की ओर से तय 12 साक्ष्य में से किसी एक को देना होगा। साक्ष्य सही रहने पर यह मैपिंग में आ जाएंगे और नाम नहीं कटेगा। साक्ष्य न देने पर नाम कटना तय है।
मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन 31 दिसंबर को
मतदाता सूची का ड्राफ्ट तैयार करने का कार्य 27 से 30 दिसंबर तक चलेगा। निर्वाचक नामावली का ड्राफ्ट प्रकाशन 31 दिसंबर को होगा। इसके बाद दावे और आपत्तियां 30 जनवरी तक ली जाएंगी। दावे-आपत्तियों पर नोटिस जारी करने, सुनवाई, सत्यापन एवं निस्तारण की प्रक्रिया 21 फरवरी तक पूरी की जाएगी।
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नोटिस के बाद साक्ष्य के लिए ये देने होंगे प्रमाण पत्र
- केंद्र या राज्य सरकार अथवा किसी सरकारी निगम के कर्मचारी व पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन पत्र
- एक जुलाई 1987 से पहले जारी कोई सरकारी पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- जन्म प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी हाईस्कूल या अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्र
- स्थायी निवास प्रमाणपत्र
- वन अधिकार प्रमाणपत्र
- जाति प्रमाणपत्र (एससी./एसटी/ओबीसी या अन्य)
- राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण से संबंधित प्रमाण
- राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर
- सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र।

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