UP News: वाराणसी रोपवे यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब 15 किलो तक सामान ले जा सकेंगे निशुल्क
वाराणसी की रोपवे सेवा अब और भी सुविधाजनक हो गई है। यात्री अब अपने साथ 15 किलोग्राम तक का सामान निःशुल्क ले जा सकेंगे। अतिरिक्त वजन के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। कैंट रोपवे स्टेशन पर एक क्लोक रूम भी बनाया जा रहा है जहां यात्री अपना सामान सुरक्षित रख सकेंगे। रोपवे का किराया प्रति किलोमीटर 10 से 15 रुपये होगा।

संग्राम सिंह, जागरण, वाराणसी। देश की पहली रोपवे अर्बन ट्रांसपोर्ट सुविधा को आम आदमी के लिए मुफीद बनाने की कोशिश है ताकि समाज के हर वर्ग को प्रोजेक्ट का लाभ मिले। एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने मोनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला (केबल कार) और स्टेशनों पर यात्रियों के सुरक्षित लगेज प्रबंधन पर काम शुरू किया है।
तय हुआ है कि गोंडोला पर यात्री अपने साथ केवल 15 किलोग्राम तक सामान ही निश्शुल्क ले जा सकेंगे। अधिक वजन होने पर अतिरिक्त धनराशि चुकानी होगी। अतिरिक्त वजन के हिसाब से सीट का किराया निर्धारण होगा। हवाई सफर में कुछ इसी व्यवस्था से लगेज प्रबंधन हो रहा है, अब यही सिस्टम रोपवे में भी प्रभावी किया जाएगा। कैंट रोपवे स्टेशन पर एक क्लोक रूम (सामान रखने का स्थान) भी बनाया जा रहा है, यहां पर भी सामानों को सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी।
यात्रियों को टोकन के जरिए व्यवस्था मिलेगी। प्रति किलोमीटर 10 से 15 रुपये सीट का किराया निर्धारण करने की तैयारी है, इसका प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा गया है। कैंट से रथयात्रा तक करीब सवा दो किलोमीटर रोपवे की एलाइनमेंट जांच और टेस्ट रन करीब डेढ़ महीने से चल रहा है।
कैंट में रोपवे स्टेशन का चल रहा कार्य, मशीनें इंस्टाल करते कर्मचारी। -जागरण
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यात्रियों को बैठाकर ट्रायल रन करने में रोपवे कितना तैयार है, इसके लिए 28 अप्रैल को रोपवे लाइन की वृहद जांच की जाएगी। आस्ट्रिया की लाइटमर कंपनी को सुरक्षा की जांच करने की जिम्मेदारी मिली है। उनकी रिपोर्ट पर ही रोपवे को जनता के हवाले किया जाएगा।
सेक्शन एक में कैंट पर 90 जबकि रथयात्रा में 48 गोेंडोला रखा जाएगा। दोनों स्टेशनों के ऊपरी तल पर बड़ा गैराज बनाया गया है, यहीं पर गोंडोला की पार्किंग की जाएगी। एक साथ 148 गोंडोला का मूवमेंट होगा, लेकिन उनका उपयोग काफी हद तक ट्रैफिक पर निर्भर रहेगा।
विशेष स्थान या सेवा की मांग सबसे अधिक होने पर गोंडोला का परिचालन बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा। एनएचएलएमएल ने अगले महीने रोपवे की सुविधा जनता को सुपुर्द करने की तैयारी की है, इसके लिए जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है। कहा है कि वह अपनी तरफ से परियोजना शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
गोदौलिया पर गतिरोध बरकरार, सिर्फ तीन सौ वूर्ग मीटर में काम
गोदौलिया में रोपवे का अंतिम स्टेशन बनाने को लेकर धीमी गति जारी है, क्योंकि यहां पर जमीन का विवाद है। प्रकरण हाई कोर्ट में विचाराधीन है। प्रशासनिक स्तर पर मामले का हल निकाला जा रहा है। वाराणसी विकास प्राधिकरण की तरफ से स्टेशन निर्माण के लिए सिर्फ 300 वर्ग मीटर जमीन ही मिल सकी है, इतने हिस्से में पाइलिंग का कार्य चल रहा है। सात पाइल हो चुका है। विवादित जमीन भी एनएचएलएमएल को आवंटित हो जाएगी तो प्रोजेक्ट को रफ्तार मिल सकती है।
कैंट में रोपवे स्टेशन का चल रहा कार्य, मशीनें इंस्टाल करते कर्मचारी। -जागरण
अक्टूबर तक बढ़ेगी प्रोजेक्ट की कार्य अवधि
एनएचएलएमएल ने हैदराबाद की कंपनी विश्वसमुद्र से प्राेजेक्ट निर्माण, रखरखाव व संचालन के लिए अनुबंध किया गया था। करीब सवा आठ सौ करोड़ रुपये में परियोजना दो चरणों में पूरी करनी है। यह कार्य मई 2025 तक पूर्ण होना था, लेकिन अक्टूबर तक कार्य अवधि बढ़ेगी।
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पहला चरण कैंट, काशी विद्यापीठ व रथयात्रा जबकि दूसरा चरण गिरिजाघर व गोदौलिया तक है, पहले चरण का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है लेकिन दूसरे सेक्शन में बहुत काम बाकी है। अनुबंध के मुताबिक कार्यदायी कंपनी को पहले और दूसरे चरण का ट्रायल रन एक साथ करना है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर निर्णय लिया जाना बाकी है कि ट्रायल रन कितने चरण में किया जाना चाहिए।
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