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बुलेट ट्रेन के लिए वाराणसी की जनता देगी परामर्श, राजातालाब तहसील में 26 को सुबह 11 बजे आयोजित होगा कैंप

वाराणसी से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी हो चुकी है। इसके लिए नोएडा से लिडार सर्वे भी प्रारंभ हो गया है जिसके आधार पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी। वाराणसी में भी जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने परियोजना को गति देने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 07:40 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 07:40 AM (IST)
वाराणसी से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी हो चुकी है।

वाराणसी [विनोद पांडेय]। वाराणसी से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी हो चुकी है। इसके लिए नोएडा से लिडार सर्वे भी प्रारंभ हो गया है जिसके आधार पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी। इसी क्रम में वाराणसी में भी जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने परियोजना को गति देने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की है। इसके तहत बुलेट टे्रन चलाने के लिए काशी की जनता परामर्श देगी। इसके लिए जिलाधिकारी ने नागरिकों को आमंत्रित किया है।

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26 मार्च को सुबह 11 बजे से राजातालाब तहसील में जन आपत्ति व सुझाव के लिए कैंप लगाया जाएगा। परामर्श का विषम परियोजना से पर्यावरणीय व समाजिक प्रभाव है। जिलाधिकारी के अनुसार नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड ने हाई स्पीड कॉरिडोर प्रस्तावित किया है। यह केंद्र व प्रदेश सरकार का संयुक्त उद्यम है। दिल्ली से वाराणसी तक करीब 865 किलोमीटर तथा लखनऊ से अयोध्या तक शाखा मार्ग करीब 135 किलोमीटर का है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है जिसके तहत डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का कार्य हो रहा है। इसमें पर्यावरणीय व सामाजिक प्रभाव का आकलन भी शामिल है। इसके लिए प्रस्तावित परियोजना पर स्थानीय हितधारकों, जनता से बहुमूल्य प्रतिक्रिया लेने के लिए सार्वजनिक परामर्श का आयोजन किया जा रहा है। वाराणसी-दिल्ली के बीच हाईस्पीड ट्रेन को 29 अक्टूबर को रेल मंत्रालय ने हरी झंडी दी थी। ये हाई स्पीड ट्रेन देश की राजधानी से सांस्कृतिक राजधानी काशी सहित यूपी के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ेगा।

इन शहरों से गुजरेगी बुलेट ट्रेन

दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए विस्तृत योजना रिपोर्ट पिछले साल रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रस्तावित योजना दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ेगी। हाई स्पीड रेल मार्ग उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी जोड़ेगा।

लिडार सर्वे के बाद भूमि अधिग्रहण

वाराणसी-नई दिल्ली हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए लिडार सर्वे हो रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से हेलीकाप्टर से लिडार सर्वे किया जा रहा है। प्रथम चरण का सर्वे हो चुका है। लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे लिडार तकनीकी से 3 से 4 माह में नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की जमीन सर्वे का काम पूरा हो जाएगा। इसके पूरा होने के बाद टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार एरियल लिडार में दो तरीके से काम होते हैं। एक वह जो मैदान का विवरण लेता है तो दूसरा डेटा की प्रोसेसिंग, ड्राइंग और एलाइमेंट तैयार करता है। नई दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर क्षेत्र में काम शुरू होना है। इस क्षेत्र में 9 प्वाइंट हैं, इसका इस्तेमाल करते हुए 86 मास्टर कंट्रोल प्वाइंट और 350 सेकेंड्री कंट्रोल प्वाइंट लगाया जाएगा।


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