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    वाराणसी में दारोगा पर हमले के मामले में 10 नामजद और 60 अज्ञात पर केस, खतरनाक हथियार से लैस भीड़ ने किया था अटैक

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 03:48 PM (IST)

    वाराणसी के बड़ागांव थाने में तैनात दरोगा मिथिलेश प्रजापति पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया। घायल दरोगा की शिकायत पर कैंट पुलिस ने 10 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। दरोगा ने आरोप लगाया है कि हमलावरों ने उनसे नकदी और पहचान पत्र छीन लिए और वर्दी फाड़ दी।

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    खतरनाक हथियार से लैस भीड़ ने किया था दारोगा पर हमला।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। बड़ागांव थाना पर तैनात दारोगा मिथिलेश प्रजापति पर खतरनाक हथियार से लैस हमलावरों ने हमला किया था। हमले में घायल दारोगा की तहरीर पर कैंट पुलिस ने दस नामजद और करीब 60 लोगों के खिलाफ जानलेवा हमला, छिनैती समेत कई गंभीर धारा में कसे दर्ज किया है। पुलिस को दी गई तहरीर में दारोगा ने पर्स में रखे पहचानपत्र, पुलिस परिचय पत्र व 4200 रुपये छीनने, वर्दी फाड़ने के बाद नाले में फेंकने का आरोप लगाया है। पुलिस ने जो गंभीर धाराएं लगाईं है, उमें उम्र कैद तक की सजा का प्रविधान है।

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    इन अधिवक्ताओं पर दर्ज हुआ मुकदमा

    अजीत कुमार मौर्या, मोहित मौर्या, अजीत वर्मा उर्फ राजा, राजन पांडेय, शेखर यादव, अजीत सिंह, सुमित सिंह, आलोक सौरभ, प्रकाश शंकर श्रीवास्तव, ईशान के अलावा करीब 50 से 60 अधिवक्ता।

    हमलावरों पर लगी बीएनएसएस की धाराएं और उनके मायने

    7 सीएलए एक्ट-  किसी व्यक्ति को उसके कार्य से रोकना या बाधा डालना। इसमें छह माह तक की सजा का प्रविधान है।

    191(2) धारा दंगे जैसे अपराध का परिभाषित करती है, जिसमें दो वर्ष कारावास का प्रविधान है।

    109 धारा जानलेवा हमले को परिभाषित करती है।

    118(2) धारा खतरनाक हथियार से गंभीर चोट पहुंचाना।

    121(2) लोक सेवक को उसके कर्तव्य पालन से रोकना।

    126(2) किसी व्यक्ति को गलत तरीके से राेकना।

    310(2) डकैती को प्ररिभाषित करती है, जिसमें आजीवन कारावास का प्रविधान है।

    324(4) जानबूझ कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाना।

    352 शांतिभंग के लिए जानबूझ कर किया गया कृत्य।

    351(3) गंभीर धमकी देना।

    61(2) आपराधिक षडयंत्र का दर्शाती है।

    दाराेगा को अचेत देख रो पड़ी पत्नी

    दारोगा मिथिलेश प्रजापति को बीएचयू में अचेत पड़े पति को देख उनकी पत्नी रो पड़ी। हालांकि, वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने समझाया। भरोसा दिया पुलिस विभाग उनके साथ है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने घायल सब इंस्पेक्टर का इलाज सरकारी खर्च पर कराने का निर्देश दिए। वहां अस्पताल में देखभाल के लिए तीन पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई।

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