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    वाराणसी में पंजा लड़ाने में हार गए तो लाठी डंडों से पीटा, चार लोगों पर एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 04:25 PM (IST)

    वाराणसी के मिर्जामुराद में आर्म रेसलिंग में हारने पर विपक्षीगण ने शुभांकर नामक खिलाड़ी पर लाठी-डंडों से हमला किया और जातिसूचक गालियां दीं। पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तहरीर पर शांतनु उपाध्याय मोहित तिवारी भोले तिवारी और बब्बूल के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

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    वाराणसी में पंजा लड़ाने में हार गए तो लाठी डंडों से पीटा।

    जागरण संवाददाता, (मिर्जामुराद) वाराणसी। अपर पुलिस आयुक्त के निर्देश पर शनिवार की रात करधना गांव के निवासियों शांतनु उपाध्याय, मोहित तिवारी, भोले तिवारी और बब्बूल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। यह मामला दिलीप कुमार की तहरीर पर दर्ज हुआ है। दिलीप कुमार का पुत्र शुभांकर आर्म रेसलिंग (पंजा लड़ाई) का खिलाड़ी है।

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    14 मई को विपक्षीगण ने शुभांकर को पंजा लड़ाई के खेल के लिए बुलाया। शुभांकर ने सभी को हराकर जीत हासिल की। आरोप है कि खेल में हारने के बाद विपक्षीगण ने लाठी-डंडों से शुभांकर पर हमला किया और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की। इस घटना के बाद घायल शुभांकर को एम्बुलेंस की मदद से शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल भेजा गया।

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    पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि शुभांकर की जीत के बाद विपक्षीगण ने न केवल शारीरिक हमला किया, बल्कि जातिगत अपमान भी किया। यह घटना न केवल खेल के मैदान पर हुई, बल्कि यह आपराधि‍क कृत्‍य भी व‍िपक्ष‍ियों द्वारा क‍िया गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की।

    इस मामले में दिलीप कुमार ने कहा कि उनके बेटे शुभांकर ने खेल में अपनी मेहनत और कौशल से जीत हासिल की, लेकिन हार के बाद विपक्षीगण ने जो व्यवहार किया, वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देती हैं।

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    पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयासरत है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता का विषय बना दिया है, और लोगों ने इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने का निर्णय लिया है।

    पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस मामले ने एक बार फिर से जातिवाद के खिलाफ लड़ाई को उजागर किया है, और यह आवश्यक है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में प्रयास करें।

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