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    वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने के बाद घाटों पर सफाई अभियान शुरू, लौटने लगी घाटों की रौनक

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 03:07 PM (IST)

    वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर तेज़ी से घटने के बाद घाटों पर जमी गाद और कीचड़ की सफाई का काम शुरू हो गया है। गंगा सेवा निधि के नेतृत्व में घाटों को साफ़ करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को असुविधा न हो और घाटों की रौनक बनी रहे।

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    गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा का जलस्तर तेजी से घटने के बाद घाटों पर छूटी हुई गाद और कीचड़ की सफाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है। ताक‍ि घाट पर गंगा आरती शुरू हो सके साथ ही पर्यटकों को भी गंदगी से राहत वहीं घाट की रौनक दोबारा परवान चढ़ सके।  

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    वाराणसी में गंगा सेवा निधि के सदस्य पंडित राजू झा ने बताया कि "गंगा का जल स्तर बहुत तेजी से गिरा है। पिछले 3-4 दिनों में जल स्तर 15 फीट से अधिक कम हो गया है। पानी घटने के बाद मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर जमा हो जाते हैं, जिससे पवित्र स्नान और अन्य अनुष्ठानों के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।"

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    गंगा सेवा निधि के नेतृत्व में पूरी टीम घाटों की सफाई के लिए युद्ध स्तर पर प्रयासरत है। पंडित झा ने कहा कि गंगा के जल स्तर में इस कमी के कारण घाटों पर गाद और कीचड़ की भरमार हो गई है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने बताया कि गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह सफाई आवश्यक है।

    गंगा सेवा निधि की टीम ने घाटों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया है। इस अभियान में स्थानीय स्वयंसेवक भी शामिल हैं, जो लगातार मेहनत कर रहे हैं। पंडित झा ने कहा कि "हमारी कोशिश है कि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।" उन्होंने यह भी बताया कि गंगा की सफाई के साथ-साथ घाटों की सुंदरता को भी बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।

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    गंगा नदी का जल स्तर घटने से न केवल श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। घाटों पर जमा गाद और कीचड़ के कारण स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं। पंडित झा ने कहा कि "हमारी टीम ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और हम सभी मिलकर इसे हल करने का प्रयास कर रहे हैं।"

    गंगा सेवा निधि के सदस्यों ने स्थानीय प्रशासन से भी सहयोग की अपील की है ताकि सफाई कार्य को और तेज किया जा सके। उन्होंने कहा कि "हम चाहते हैं कि प्रशासन भी इस दिशा में सक्रियता दिखाए और गंगा की सफाई में हमारी मदद करे।"

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    गंगा नदी भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके जल में स्नान करने से श्रद्धालुओं को शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए, गंगा की सफाई और उसके जल स्तर को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

    पंडित झा ने कहा कि "गंगा की पवित्रता को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें मिलकर इस दिशा में प्रयास करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए गंगा को स्वच्छ और पवित्र रखा जा सके।"

    इस प्रकार, वाराणसी में गंगा की सफाई का कार्य एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल तीर्थयात्रियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। गंगा सेवा निधि की यह पहल निश्चित रूप से गंगा की पवित्रता को बनाए रखने में सहायक होगी।

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