Weather News Varanasi : वाराणसी और सोनभद्र में औसत से अधिक बारिश, जौनपुर में कम बरसे बदरा
पूर्वांचल में इस वर्ष बारिश की स्थिति मिश्रित रही है। कुछ जिलों में अच्छी बारिश हुई तो कुछ में कम वर्षा से चिंता बढ़ी है। वाराणसी और सोनभद्र में औसत से अधिक बारिश हुई है जिससे लोगों को राहत मिली है। जौनपुर और मऊ में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है जिससे किसानों को फसल की चिंता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में इस वर्ष बारिश की मेहरबानी का दौर लंबे समय तक जारी रहने की उम्मीद जगी है। आषाढ़ और सावन के बाद अब भादों से भी लोगों को आस है कि मेघ पूर्वांचल की प्यास बुझाने में सफल होंगे। इस बार बारिश की स्थिति पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर रही है, जिससे लोगों में राहत की उम्मीद बंधी है।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में औसत वर्षा सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक हुई है, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों की धरती की प्यास पूरी तरह से नहीं बुझ सकी है। खासकर सोनभद्र और वाराणसी के क्षेत्रों में बारिश की अच्छी स्थिति रही है। इन दोनों जनपदों को छोड़कर अन्य आठ जनपदों में वर्षा का औसत सामान्य से कुछ कम रहा है।
इस वर्ष सबसे कम वर्षा जौनपुर और मऊ में दर्ज की गई है। गाजीपुर, भदोही, चंदौली और आजमगढ़ में भी वर्षा का औसत सामान्य से नीचे रहा है। मऊ में सामान्य से 47 प्रतिशत और जौनपुर में 52 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। वहीं, वाराणसी और सोनभद्र में औसत से अधिक बारिश ने लोगों को राहत दी है और जल स्तर को बनाए रखने में मदद की है।
पूर्वांचल के किसानों के लिए यह वर्ष महत्वपूर्ण है, क्योंकि बारिश की कमी से फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जौनपुर और मऊ के किसानों ने वर्षा की कमी के कारण चिंता व्यक्त की है। उन्हें उम्मीद है कि भादों में बारिश होगी, जिससे उनकी फसलें सुरक्षित रह सकेंगी।
इस वर्ष की बारिश ने कुछ क्षेत्रों में जल संकट को भी बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय निवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, वाराणसी और सोनभद्र में बारिश ने जल स्तर को बनाए रखा है, जिससे वहां के निवासियों को कुछ राहत मिली है।
कुल मिलाकर, पूर्वांचल में बारिश की स्थिति मिश्रित रही है। जहां कुछ जनपदों में अच्छी बारिश हुई है, वहीं अन्य क्षेत्रों में वर्षा की कमी ने चिंता बढ़ा दी है। अब सभी की निगाहें भादों पर टिकी हैं, जब उम्मीद की जा रही है कि मेघ फिर से बरसेंगे और पूर्वांचल की प्यास बुझाएंगे।
इस वर्ष की बारिश की स्थिति ने सभी को एक बार फिर से मौसम के प्रति जागरूक किया है। सभी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे कृषि और जल संकट की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
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