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    पुल‍िस मुठभेड़ में 25,000 का इनामी गो-तस्कर गोविंद सिंह गिरफ्तार, नेटवर्क का हुआ खुलासा

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 11:31 AM (IST)

    वाराणसी पुलिस ने 25000 रुपये के इनामी गौ-तस्कर गोविन्द सिंह को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार किया। रामेश्वर के पास हुई इस कार्रवाई में पुलिस ने फायरिंग के बाद उसे पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि गोविन्द का नेटवर्क पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार और बंगाल तक फैला है जहा गायों की तस्करी की जाती है।

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    आरोप‍ि‍त पर कई जिलों में गोवध निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। थाना बड़ागांव और फूलपुर की संयुक्त पुलिस टीम ने 25,000 रुपये का इनामी कुख्यात गो-तस्कर गोविन्द सिंह को मुठभेड़ के दौरान घायल होने के बाद गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई रामेश्वर के निकट वरुणा पुल पर मुखबिर की सूचना पर की गई।

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    जब पुलिस ने दबिश दी, तो आरोपी ने फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की और गोविन्द के पैर में गोली लगी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर अस्पताल भेजा गया। मौके से एक तमंचा, जीवित कारतूस और खोखा बरामद किया गया।

    गोविन्द सिंह, कैमूर (बिहार) का निवासी है, लंबे समय से गो-तस्करी के अंतर्राज्यीय नेटवर्क में सक्रिय था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि यह नेटवर्क पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है।

    उत्तर प्रदेश से 500-600 रुपये में खरीदी या चोरी की गई गायें बिहार के मेलों में 10,000 रुपये तक बेची जाती हैं, और बंगाल पहुंचने पर उनकी कीमत और बढ़ जाती है। गोविन्द ने अपने करियर की शुरुआत ‘स्‍पाटर’ के रूप में की थी और बाद में स्वतंत्र ट्रांसपोर्टर बनकर पूरे नेटवर्क में सक्रिय हो गया। उसके भाई राजू सिंह पर भी गो-तस्करी के आरोप में जेल में बंद है।

    गोविन्द पर वाराणसी, चंदौली और भदोही समेत विभिन्न जिलों में गोवध निवारण अधिनियम, पशु क्रूरता अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत 9 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि हाल के महीनों में गौ-तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें कई अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

    पुलिस उपायुक्त, गोमती जोन ने कहा कि यह नेटवर्क बेहद संगठित और लाभकारी है, लेकिन वाराणसी पुलिस इसे पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शेष अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। पुलिस की इस सफलता से यह स्पष्ट होता है कि गो-तस्करी के खिलाफ उनकी मुहिम लगातार जारी है और वे इस अपराध को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

    इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि पुलिस की सक्रियता और मुखबिरों की सूचना से अपराधियों पर काबू पाया जा सकता है। वाराणसी पुलिस की यह कार्रवाई न केवल गो-तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें, ताकि ऐसे अपराधियों को समय रहते पकड़ा जा सके।

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