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    पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ वकील शनिवार को न्यायिक कार्य से रहेंगे विरत, बैठक में ल‍िया फैसला

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 05:44 PM (IST)

    वाराणसी में सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन ने दरोगा के साथ विवाद के बाद पुलिस द्वारा वकीलों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। वकील धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के प्रस्ताव पर बनारस बार एसोसिएशन के सभागार में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया।

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    वकील शनिवार को वकील न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन ने दरोगा के साथ हुए विवाद में पुलिस द्वारा वकीलों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के विरोध में यह निर्णय लिया है। यह निर्णय वकील धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के प्रस्ताव पर बनारस बार एसोसिएशन के सभागार में आयोजित बैठक में लिया गया।

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    बैठक में वकीलों ने पुलिस द्वारा उनके साथियों के खिलाफ की जा रही प्रतिशोधात्मक कार्रवाई पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। वकीलों का कहना था कि हाल ही में इंस्पेक्टर और दरोगा द्वारा उनके साथियों के साथ की गई मारपीट की घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बजाय, केवल वकीलों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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    इस संदर्भ में, शुक्रवार को महिला मुवक्किल के साथ पुलिस आयुक्त कार्यालय गए वकीलों के साथ पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश तिवारी ने वकीलों की भावनाओं को सुनने के बाद शनिवार को पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की।

    बैठक में सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मंगलेश कुमार दूबे भी उपस्थित थे। संचालन का कार्य बनारस बार एसोसिएशन के महामंत्री शशांक श्रीवास्तव ने किया। वकीलों ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने का निर्णय लिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर हैं।

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    वकीलों का यह कदम न केवल उनके लिए, बल्कि न्यायपालिका के समक्ष भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। वे चाहते हैं कि पुलिस प्रशासन वकीलों के प्रति सम्मान और न्याय का व्यवहार करे। इस प्रकार की घटनाएं वकीलों के पेशेवर जीवन को प्रभावित करती हैं और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालती हैं।

    इस निर्णय के पीछे वकीलों की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा की भावना प्रमुख है। वकील इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें न्यायिक कार्य में बाधित नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें अपने पेशेवर कार्यों को स्वतंत्रता से करने का अधिकार है।

    शनिवार को वकीलों का न्यायिक कार्य से विराम एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो पुलिस प्रशासन के प्रति वकीलों की नाराजगी को दर्शाता है। यह घटना न्यायपालिका में वकीलों की भूमिका और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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