रीढ़ की हड्डी का दिया पस, जांच हो रही बलगम की, पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के टीबी यूनिट का मामला
वाराणसी के पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में टीबी यूनिट की लापरवाही सामने आई। रीढ़ की हड्डी के मवाद की जांच कराने आए मरीज को बलगम की रिपोर्ट थमा दी गई। निक्षय पोर्टल पर डेटा अपलोड न होने से भ्रम की स्थिति है। एक टेक्नीशियन के भरोसे काम होने से मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की टीबी यूनिट में अव्यवस्था और लापरवाही का मामला सामने आया है। रीढ़ की हड्डी के मवाद (पस) के सैंपल की जांच के लिए आए मरीज को बलगम की जांच रिपोर्ट थमा दी गई, जिससे मरीज हैरान रह गया।
लालमन कोट-चोलापुर के दिनेश चौहान ने बताया कि उन्होंने रीढ़ के मवाद का सैंपल जमा किया था, लेकिन टीबी यूनिट ने उन्हें दो-दो रिपोर्ट थमा दी। इस वजह से मरीज हैरान में पड़ गया। लैब टेक्नीशियन संजय शर्मा ने मरीज से पूरी जानकारी ली तो बाद में पता चला कि उसने रीढ़ की हड्डी का सैंपल दिया था। इसके बाद दोनों रजिस्टर चेक और दो रिपोर्ट निकाली, बाद में सही रिपोर्ट देकर मरीज को संतुष्ट किया। वहीं दूसरी ओर अलग-अलग कई रजिस्टर की यूनिट पर आवश्यकता भी है। इस वजह से कई कागजी कार्रवाई रजिस्टर के बजाय रफ पेपर पर किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य प्रणाली की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
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निक्षय पोर्टल पर डाटा नहीं हो रहा अपलोड
सबसे चिंताजनक बात यह है कि मरीजों को पीडीडीयू अस्पताल के टीबी यूनिट पर निक्षय पोर्टल पर डाटा अपलोड नहीं किया जा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति बन रही है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत निक्षय पोर्टल पर डाटा अनिवार्य किया गया है। यह टीबी के नियंत्रण और निगरानी में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
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एक टेक्नीशियन के भरोसे चलाया जा रहा काम
टीबी यूनिट में केवल एक टेक्नीशियन के भरोसे काम चलाया जा रहा है, जबकि दो की जरूरत है। इससे दो घंटे में होने वाला काम चार घंटे में हो रहा है। इससे मरीजों को लंबा इंतजार भी करना पड़ रहा है। टीबी को 2025 तक मुक्त करना है। ऐसे में स्टाफ की कमी से मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इससे दूसरे लोग भी संपर्क में आने से बीमार हो सकते हैं।
दावा किया कि रजिस्टर में दो जगह अंकित करने से कोई नहीं होती दिक्कत
लैब टेक्नीशियन संजय शर्मा छुट्टी पर थे। रजिस्टर में चढ़ा दिए थे, लेकिन उसका टेस्ट हुआ सीबी नाट में। मैं टेस्ट तो करता नहीं। रीढ़ की हड्डी और बलगम की जांच पता नहीं चलती है। दावा किया कि रजिस्टर में दो जगह अंकन से कोई दिक्कत नहीं है और रिपोर्ट तो मिल रही है। पोर्टल तो चल नहीं रहा है इस लिए आनलाइन भी दर्ज नहीं हो पाया है।
- मुन्ना लाल जायसवाल, सुपरवाइजर, टीबी यूनिट, पीडीडीयू अस्पताल।
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