गंगा घाटों पर आरती से व्यापार तक, सब कुछ अब निगम के नियम में, नोट कर लें जुर्माना की दरें
वाराणसी में गंगा घाटों पर आरती और व्यापार को नियमित करने के लिए नगर निगम ने एक उपविधि बनाई है। नई संस्थाओं को आरती के लिए अनुमति लेनी होगी जबकि पुराने पुजारी और पंडा को तीन महीने के भीतर निगम से अनुमति प्राप्त करनी होगी। इस उपविधि में घाटों पर व्यापार शवदाह नाव संचालन और विज्ञापन पर भी नियम होंगे जिनका उल्लंघन करने पर जुर्माना लगेगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा घाटों पर अब आरती से लेकर व्यापार तक सब कुछ नियमों के दायरे में होगा। गंगा घाटों पर बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम ने एक उपविधि बनाई है। इसके तहत अब मां गंगा की आरती के लिए नई संस्थाओं को जिला प्रशासन व नगर निगम से अनुमति लेनी होगी।
हालांकि वर्ष 2012 से पहले से परंपरागत रूप से मां गंगा की आरती कर रही संस्थाओं पर यह आदेश प्रभावी नहीं होगा। उपविधि लागू होने के तीन माह के भीतर घाट के पुजारी व पंडा को भी निगम से अनुमति लेनी होगी। गंगा घाटों पर व्यावसायिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। घाटों पर दूसरे जिलों के पुजारी व पंडा पूजा-पाठ करा रहे हैं। इसमें कुछ पुजारियों की पहचान जिला प्रशासन के पास भी नहीं है। इसे देखते हुए निगम ने पंडा व पुजारियों को उपविधि के दायरे में शामिल किया है।
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इसके तहत उपविधि लागू होने के तीन माह के भीतर पंडा व पुजारियों को घाटों पर पूजा कराने के लिए आवेदन कर निगम से अनुमति लेनी होगी। आवेदन के साथ पुजारियों का अपना आधार कार्ड की छाया प्रति भी देनी होगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर घाट पर पूजा-पाठ कराने वाले पंडा व पुजारियों की पहचान निगम व जिला प्रशासन आसानी से कर सके। 30 अगस्त को कार्यकारिणी में ‘नगर निगम (घाट पर अतिक्रमण, विनियमन, नियंत्रण एवं घाट शुल्क वसूली) उपविधि-2024’ पर चर्चा भी हुई थी। अगली कार्यकारिणी में दोबारा होगा प्रस्तुत: कार्यकारिणी में जुर्माने की धनराशि व कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन सकी।
इसे देखते हुए महापौर अशोक कुमार तिवारी ने संशोधित कर अगली कार्यकारिणी की बैठक में दोबारा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कार्यकारिणी व सदन से अनुमोदित होने के बाद यह उपविधि प्रभावी होगी। इस उपविधि में गंगा घाटों पर व्यापार, शवदाह, नाव संचालन व विज्ञापन पर भी कड़े प्रविधान बनाए गए हैं। इसके तहत घाटों व उनसे सटे मार्गों पर बिना अनुमति किसी भी प्रकार का विज्ञापन, बैनर, होर्डिंग, वाल पेंटिंग, राजनीतिक या गैर राजनीतिक प्रचार प्रतिबंधित किया गया है।
घाटों पर वाहन स्टैंड व नावों पर मरम्मत करने पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं श्मशान घाटों के लकड़ी व्यवसायियों से आठ से दस दिन तक का स्टाक लगने की अनुमति होगी। उपविधि में घाटों पर साबुन, शैम्पू, ठेला व अतिक्रमण करने पर भी जुर्माना का भी प्रविधान किया गया है। नियम तोड़ने की पुनरावृत्ति पर जुर्माना पांच गुना तक वसूला जाएगा। आवश्यक होने पर बेदखली की कार्रवाई की जा सकती है। वहीं किसी प्रकार की कार्रवाई के खिलाफ नगर आयुक्त या उनके द्वारा नामित अपर नगर आयुक्त से अपील की जा सकती है।
जुर्माना का भी प्रविधान
घाट पर कूड़ा फेंकना, थूकना या कपड़े धोना : 200 रुपये जुर्माना।
शवदाह के लिए मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट छोड़ अन्य घाटों का प्रयोग : 1000 रुपये जुर्माना
बिना लाइसेंस नाव संचालन या क्षमता से अधिक सवारी बैठाना : 1000 रुपये जुर्माना।
प्रतिबंधित प्लास्टिक का प्रयोग : 500 से 2000 रुपये तक जुर्माना।
होटल/गेस्ट हाउस से सीवेज प्रवाह : 1000 रुपये जुर्माना।
मूर्ति विसर्जन या अपशिष्ट प्रवाह : 500 रुपये जुर्माना।
नोट : लागू होने के तीन माह के भीतर घाट के पुजारियों को लेनी होगी अनुमति
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