Varanasi News: गंगा में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बिछेगा तीन किलोमीटर लंबा ‘वाटर डिवाइडर', 84 घाटों की होगी नाकाबंदी
गंगा में ट्रैफिक प्लान समय की जरूरत है। दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती के बाद नमो घाट पर शुरू आरती में भीड़ उमड़ती है। काशी में देश ही नहीं दुनिया भर से ल ...और पढ़ें

ट्रैफिक प्लान के दौरान गंगा में कुछ इस तरह वाटर डिवाइडर बिछाए जाएंगे। स्रोत पुलिस
राकेश श्रीवास्तव, वाराणसी। गंगा में जल्द ही ट्रैफिक व्यवस्था नजर आएगी। नावों के आने और जाने के रास्ते अलग-अलग होंगे। इसके लिए तीन किलोमीटर जल क्षेत्र को फ्लोटिंग जेटी के जरिए लेन डिवाइड किया जाएगा। नई व्यवस्था से नावों के टकराने की घटना नहीं होगी। किन्हीं परिस्थितियों में नाव डिवाइडर से टकराए भी तो जेटी पानी से भरा होने के कारण हादसे की आशंका नहीं रहेगी।
काशी में पयर्टकों की संख्या करोड़ों में पहुंचने और रजिस्टर्ड क्रूज, बजड़ा, हाथ नाव, मोटर बोट की संख्या 2095 तक जा पहुंचने से जल पुलिस ने ट्रैफिक प्लान बनाया है। आठ किलोमीटर में 84 घाटों की सुरक्षा के लिए 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने वाली स्पीड बोट पहले से तैनात किया गया है। जल पुलिस की संख्या 32 से बढ़ाकर 100 किया जाएगा।
इस तरह बनाई जाएगी डिवाइडर लेन
तीन किलोमीटर एरिया में मजबूत जाल बिछाया जाएगा। उसके ऊपर फ्लोटिंग जेटी लगाकर दो लेन तैयार किया जाएगा। पानी भरने के बाद जेटी का वजन औसतन साढ़े तीन सौ किलो को होगा। डिवाइडर लेन के पास कोई हादसा हुआ भी तो फ्लोटिंग जेटी के नीचे लगा मजबूत जाल जान बचाने में मददगार बनेगा।
घाटों पर भी लगेंगे फ्लोटिंग जेटी, रुकेंगे हादसे
गंगा में प्रत्येक वर्ष स्नान के दौरान डूबने से बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती है।खतरे के निशान से पूर्व मजबूत जाल बिछाकर फ्लोटिंग जेटी लगाया जाएगा। जिसके ऊपर चमकने वाला उपकरण लगाया जाएगा, जिससे अंधेरे में भी खतरे की बार्डर लाइन को पहचान सकें।
वीवीआइपी सुरक्षा में मददगार होगी व्यवस्था
काशी में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। जिसमें वीआइपी, वीवीआइपी भी बहुतेरे होते हैं। इन्हें गंगा के रास्ते कहीं लाने व ले जाने के दौरान नावों के आ जाने से मुश्किल होती है। गंगा में ट्रैफिक व्यवस्था लागू होने पर सुरक्षा की मुश्किल नहीं आएगी। वाटर डिवाइडर नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित नहीं करेगा, बल्कि उसे नियंत्रित और संतुलित करेगा।
प्रशासन भी मंगा रहा पोंटून नाव
प्रशासन के अपने नावों की संख्या बढ़ी है। स्पीड बोट, मोटर बोट के अलावा अब पोंटून नाव मंगाए जा रहे हैं। केरला की कंपनी ने नाव की आपूर्ति की थी, जिसे कुछ कमियां बताकर वापस कर दिया गया। जल्द ही पोंटून नाव गंगा में रफ्तार भरते नजर आएंगे।
जानिए कितना सुरक्षित है, वाटर डिवाइडर
- प्लास्टिक निर्मित होने संग उसमें पानी भरा होने के कारण टक्कर होने पर जोखिम कम रहता है।
- टक्कर होने पर यह कठोर कंक्रीट की तरह नुकसान नहीं पहुंचाता।
- वाहन की गति कम करने में मददगार रहता है।
- प्लास्टिक निर्मित व लचीला होने के कारण झटका नहीं लगता।
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नंबर गेम
- 15 कुल क्रूज की संख्या।
- 205 बजड़ा (डबल डैकर) की कुल संख्या।
- 195 हाथ नाव (चप्पू बोट) की कुल संख्या।
- 1675 मोटर बोट की कुल संख्या।
गंगा में ट्रैफिक प्लान समय की जरूरत है। दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती के बाद नमो घाट पर शुरू आरती में भीड़ उमड़ती है। काशी में देश ही नहीं दुनिया भर से लोग पहुंचते हैं। 2095 नाव है, जिसमें बढ़ोत्तरी संभव है, जिसे ट्रैफिक प्लान से ही संजोया जा सकता है। हमने शुरू भी कर दिया है, सरकार भी हमारे डिमांड को पूर्ण करती है।
-मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर।

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