वाराणसी में पागल कुत्ते ने महिला को नोंच डाला था, रेबीज के चार इंजेक्शन के बाद भी नहीं बची जान
वाराणसी के गरथौली गाँव में एक महीने पहले एक पागल कुत्ते के काटने से 64 वर्षीय अमरावती देवी की दुखद मृत्यु हो गई। कुत्ते ने उनके दो पालतू कुत्तों और एक भैंस की पड़िया को भी काटा था जिनकी कुछ दिनों बाद ही मौत हो गई। परिवार ने महिला को कई इंजेक्शन लगवाए लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ।

जागरण संवाददाता, वाराणसी (चौबेपुर)। आवारा आतंक की जद में आने से एक महिला की वाराणसी में मौत हो गई। इसके पूर्व कुत्ते के काटने से महिला के दो कुत्तों व भैंस की पड़िया की चार दिनों बाद ही मौत हो गई थी। रथौली गांव में एक माह पूर्व एक पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद 64 वर्षीय महिला की शुक्रवार सुबह दुखद मृत्यु हो गई।
गरथौली निवासी भोला नाथ की पत्नी, अमरावती देवी, 11 अगस्त को अपरान्ह साढ़े तीन बजे गांव से घर लौट रही थीं, तभी एक पागल कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया। इस घटना के दौरान, कुत्ते ने उनके दो पालतू कुत्तों को भी काट लिया, जो चार दिनों बाद मर गए। इसके अतिरिक्त, एक भैंस की पड़िया को भी कुत्ते ने काटा, जो पांच दिन बाद मृत हो गई।
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महिला को उनके परिजनों ने 12 अगस्त को पहला इंजेक्शन लगवाया, इसके बाद 18 अगस्त को दूसरा, 23 अगस्त को तीसरा और 8 सितंबर को चौथा डोज दिया गया। हालांकि, महिला की तबियत में सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते उन्हें चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो और इंजेक्शन लगवाए गए। वहां के डाक्टर ने उन्हें बीएचयू ले जाने की सलाह दी, लेकिन परिजन उन्हें घर ले आए।
महिला के पति, भोला प्रजापति ने बताया कि घर लौटने के बाद अमरावती को दर्द शुरू हुआ, जिसके बाद उन्हें चौबेपुर में एक हड्डी के डाक्टर के पास ले जाया गया। डाक्टर की सलाह पर नौ सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें अगले दिन बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजन उन्हें लालपुर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
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अंततः, 12 सितंबर को प्रातः साढ़े छह बजे अमरावती देवी ने घर पर अंतिम सांस ली। परिजनों का कहना है कि जब चार सूई लग गईं, तब चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने बताया कि एक हफ्ते में एक सूई बीएचयू में लगती है, जिसे लगवाना चाहिए था।
महिला का अंतिम संस्कार रामपुर घाट पर किया गया। उनके तीन बेटे और एक बेटी हैं, जो सभी मजदूरी का कार्य करते हैं। इस घटना ने गांव में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है, और स्थानीय प्रशासन से पागल कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। यह घटना न केवल अमरावती देवी के परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए आवारा आतंक के शिकार के तौर पर एक दुखद स्मृति बन गई है।
पागल कुत्ते को छित्तमपुर गांव में मारा गया
गरथौली गांव में कुत्तों, पड़िया व अमरावती को पागल कुत्ते ने ग्यारह अगस्त को काटने के बाद वह गांव से बाहर भागते भागते वह अजाव के बाद छित्तमपुर पुर पहुंच गया। वहां एक ईंट भट्ठे पर रहे मजदूर कुत्ते की हरकत देख भांप गए कि यह पागल कुत्ता है। मजदूरों ने ईंट भट्ठे के बाहर खेत मे पीट पीट कर मार डाला था।
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