Flood In Varanasi : चेतावनी बिंदु के पार गंगा की नहीं थमी रफ्तार, काशी की गलियों में चलने लगी नाव
Ganga flood वाराणसी में गंगा फिलहाल अपने रौद्र रूप में हैं। शुक्रवार को चेतावनी बिंदु को पार करने के बाद से ही गंगा का रुख रौद्र नजर आने लगा है। तटवर्ती इलाकों की गलियों में जहां नौका चलने लगी है ताे वहीं दूसरी ओर गंगा में वेग लगातार बना हुआ है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर में गंगा का रुख अब चेतावनी बिंंदु को पार करने के बाद तल्खी की ओर हो चला है। गंगा में बाढ़ का रुख अब तटवर्ती इलाकों में तल्ख होता जा रहा है। कई परिवार दूसरे स्थानों पर राहत के लिए पलायन कर चुके हैं। माना जा रहा है कि यही रुख बना रहा तो शहर में पानी प्रवेश कर जाएगा।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार विकराल रूप ले रहा है। खतरा बिंदु से कुछ ही दूरी पर गंगा का जलस्तर फिलहाल है। लगातार चार दिनों से पानी बढ़ रहा है। सभी प्रमुख घाटों के ऊपर पानी चढ़ने के साथ ही दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला मंदिर के छत पर पानी पहुंच चुका है। वहीं सड़क को छूने से कुछ ही फीट की दूरी अब शेष है। वही मणिकर्णिका घाट पर हो रहे शवदाह के बीच वहां जगह के अभाव मे गलियों में शवदाह होने लगा है। विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक पहुंचने में कुछ सीढ़ियां ही शेष हैं। जबकि निचले आधार वाले क्षेत्र को गंगा रात में ही छू चुकी हैं।
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वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंंदु 70.262 मीटर और खतरा बिंंदु 71.262 मीटर है। जबकि सर्वाधिक 73.901 मीटर जलस्तर 09/09/1978 को दर्ज किया गया था। फिलहाज वाराणसी में सुबह आठ बजे केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 70.87 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया। जबकि 30.01 मिमी प्रतिघंटे का बढ़ाव अब भी जारी है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि यही रुख जारी रहा तो दो दिनों में खतरा बिंंदु गंगा पार कर जाएंगी।
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वाराणसी में नगवा बस्ती तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है तो ढाब क्षेत्र के गोबरहां में गंगा सोता में आयी बाढ़ से कटान हो रही है। अपना घर आश्रम मदरवां सामनेघाट में निचले तक तक पानी आने के कारण 114 लोगों को जो चलने फिरने में अशक्त हैं उन्हें वहां से हटाया गया है। अगर जलस्तर बढ़ता रहा तो गंगा किनारे लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। वहीं चिरईगांव में मुस्तफाबाद रामचंदीपुर गंगा सोता पुल से मुस्तफाबाद रेता पर जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी फैल चुका है। रामनगर में श्मशान घाट मार्ग बाढ़ के पानी में डूबने की वजह से श्मशान घाट मार्ग बन्द हो गया है। वहीं बाढ़ की स्थिति देखने पहुंचे बीडीओ चिरईगांव वीएन द्विवेदी ने बताया कि जलस्तर बढ़ रहा है लगातार प्रशासनिक निगरानी की जा रही है।
वहीं गाजीपुर में गंगा खतरा बिंंदु पार कर चुकी हैं। गंगा शनिवार को सुबह खतरे के निशान 63.105 को पार कर गईं। सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 63.300 दर्ज किया गया। दोपहर बाद भी दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।
गंगा नदी व गोमती नदी का पानी पढ़ने से कई गांवों की फसलें डूबी
गंगा नदी व गोमती नदी में बाढ़ आ जाने से कैथी, रामपुर,गौरा उपरवार, मुरीदपुर,चंद्रावती गांव की फसल धान, गन्ना ,सब्जी, हरा चारा आदि गंगा नदी के पानी मे डूब चुकी है। वहीं नाद नदी व गोमती नदी के पानी से रजवाड़ी, धौरहरा, हरिहरपुर, बर्थरा खुर्द, गरथौली, आजाव, हड़ियाडीह आदि गांवों की फसल डूब गई है। नाद नदी व गोमती के पानी से पिपरी गांव चारों ओर से घिर गया है। गांव वासी प्राइवेट नाव से पिपरी से दूध लेकर हरिहरपुर पहुंच कर फिर निजी साधन व बस से वाराणसी शहर जा रहे हैं। शाम को दो सरकारी नाव भी पिपरी गांव के लिए पहुंची है।
पंचकोशी रुप्पनपुर में सैकड़ो मकानों घुसा बाढ़ का पानी
गंगा का जल स्तर बढ़ने के साथ वरुणा नदी फिर अपने उफान पर आ गयी है। वहीं सारनाथ क्षेत्र के वरुणा नदी से जुड़े पंचकोशी रुप्पनपुर इलाके में लगभग सैकड़ों मकानों में पानी घुस गया है। सभी लोग समीप ही खाली जमीन पर पालीथीन डाल कर गुजारा कर रहे हैं। इन लोगों को बाढ़ राहत की कोई सुविधा नहीं मिली है। रुप्पनपुर में लगभग सैकड़ों मकानों में बाढ़ का पानी दो दिनों के अंदर घुस गया है। वहीं अब भी कुछ मकानों में घुस रहे पानी से बचने के लिए मकान खाली कर रहे हैं। क्षेत्र के गोपी नाथ, जवाहिर, ममता सुनील, राजेश, किरन, मंजू देवी, राजकुमार, आनन्द, रवि सहित सैकड़ों मकानों में पांच से सात फीट तक पानी घुसा है। वहीं कुछ लोगों ने छत की शरण ली है। लगभग 20 परिवार खाली जमीन पर पालीथीन लगा कर गुजारा कर रहे हैं। यही स्थिति पैगम्बरपुर, सलारपुर, दीनदयालपुर इलाकों की भी है।
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