मीरजापुर में बाजार से 10 रुपये का स्टांप पेपर नदारद, तहसीलों में बिक रहा 20 रुपये में
मीरजापुर में बाजार से 10 रुपये का स्टांप पेपर गायब हो गया है। कुछ गिने चुने स्थानों पर ही लोगों को 20 रुपये में स्टांप पेपर मिल रहा है। वहीं तहसीलों में वेंडर कागजी कार्रवाई से बचने के लिए ई-स्टांप पेपर देने से कतरा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। जिले में बाजार से 10 रुपये का स्टांप पेपर गायब हो गया है। कुछ गिने चुने स्थानों पर लोगों को 20 रुपये में स्टांप पेपर मिल रहा है। वहीं तहसीलों में वेंडर कागजी कार्रवाई से बचने के लिए ई-स्टांप पेपर देने से कतरा रहे हैं। इसके चलते लोगों को ई-स्टांप पेपर भी खरीदने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में तहसील और रजिस्ट्री दफ्तरों में ई-स्टांप व्यवस्था लागू है। ई-स्टांप व्यवस्था लागू होने के बाद से छोटे स्टांप पेपरों का संकट खड़ा हो गया है। बड़े स्टांप पेपरों की जगह अब जमीन की रजिस्ट्री आदि कार्यों में लोग ई-स्टांप का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शपथ पत्र आदि कार्यों में 10, 20, 50 व 100 रुपये के स्टांप की जरूरत पड़ती है। स्टांप पेपरों की छपाई बंद होने से कोषागार से नहीं मिल रहे हैं। इससे तहसील में काफी परेशानी हो रही है। वहीं जिन वेंडर के पास 10 रुपये का स्टांप बचा है वह 20 रुपये में बेच रहे हैं। तहसीलों में वेंडर छोटे स्टांप पेपरों को ऊंचे दामों पर बेंच रहे हैं। 10 रुपये वाला 20 रुपये, 20 वाला 30 सहित 50 व 100 रुपये का स्टांप पेपर दोगुने दाम पर बेच रहे हैं। काम निकालने के लिए लोग दोगुना दाम देकर स्टांप पेपर की खरीदारी करने को मजबूर हैं। वहीं वेंडरों के अनुसार ई स्टांप व्यवस्था लागू होने से पहले तक कोषागार के जरिए एक लाख रुपये के स्टांप पेपर खरीदने पर 1098 रुपये कमीशन मिलता था, लेकिन ई-स्टांप व्यवस्था प्रभावी होने के बाद से कमीशन घटकर एक लाख पर मात्र 190 रुपये हो गया है।
पांच वेंडराें को जारी किया गया ई-स्टांप का लाइसेंस
एडीएम वित्त व राजस्व शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि लोगों को ई-स्टांप मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए पूरे जिले में अभी तक 20 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें से पांच वेंडरों को लाइसेंस जारी किया जा चुका है, जबकि 15 लोगों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रभावी हो गई है ई-स्टांप व्यवस्था
तहसील में ई-स्टांप व्यवस्था प्रभावी हो गई है। इसके कारण 10, 20 और 50 रुपये के स्टांप पेपरों की कमी जरूर है, लेकिन स्टांप पेपर के कालाबाजारी की जानकारी नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- शिव प्रताप शुक्ला, एडीएम वित्त व राजस्व, मीरजापुर।