Move to Jagran APP

नवरात्रः इस बार मां दुर्गा का डोली पर आगमन और मुर्गा पर प्रस्थान

शक्ति की अधिष्ठात्री भगवती दुर्गा की उपासना-आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र 21 सितंबर से शुरू होकर व्रत-पूजन विधान के साथ 29 सितंबर तक चलेंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 09 Sep 2017 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2017 08:23 AM (IST)
नवरात्रः इस बार मां दुर्गा का डोली पर आगमन और मुर्गा पर प्रस्थान
नवरात्रः इस बार मां दुर्गा का डोली पर आगमन और मुर्गा पर प्रस्थान

वाराणसी (जेएनएन)। शक्ति की अधिष्ठात्री भगवती दुर्गा की उपासना-आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र इस बार 21 सितंबर से शुरू हो रहा है। व्रत-पूजन विधान 29 सितंबर (महानवमी) तक चलेंगे। इस बार नवरात्र में पूरे नौ दिन मिलेंगे, लेकिन तिथियों के फेर से प्रतिपदा सुबह 9.57 बजे तक ही मिल रही है। ऐसे में कलश स्थापन व ध्वजारोपण इस समय तक हर हाल में कर लेने होंगे। इसके बाद प्रात: 9.58 बजे से द्वितीया लग जाएगी और अभिजीत मुहूर्त भी इसी तिथि में चला जाएगा। 

loksabha election banner

यह भी पढ़ें: सीतापुर के तालगांव में कुकर्म के बाद बालक की गला रेत कर हत्या 

वाराणसी के ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 21 सितंबर को कलश स्थापन तथा ध्वजारोपण के लिए शुभ समय स्थिर लग्न सिंह प्रात: 5.38 के पहले करना श्रेयस्कर होगा। इस समय में जो लोग कलश स्थापन न कर पाएं किसी भी हालत में सुबह 9.57 से पहले अवश्य कर लेना होगा। इसके अलावा महानिशा पूजा 27 सितंबर को, निशीथ काल में बलि इत्यादि और महाअष्टमी व्रत 28 सितंबर को होगा। 29 सितंबर को नवमी पर होम, चंडा देवी की पूजा और बलिदान आदि करना चाहिए। 

यह भी पढ़ें: हेयर ड्रेसर जावेद हबीब पर अब वाराणसी में देवी-देवताओं के अपमान का मुकदमा

पारन के दो विकल्प 

नवरात्र व्रत का पारन 30 सितंबर विजय दशमी को प्रात: किया जाएगा या 29 सितंबर को रात 9.22 के बाद भी किया जा सकता है। महाअष्टमी व्रत पारन 29 सितंबर को या 28 सितंबर को रात 7.27 बजे के बाद किया जा सकता है। संपूर्ण नवरात्र व्रत करने वालों का पारन 30 सितंबर को प्रात: या 29 को रात 9.22 बजे के बाद भी किया जा सकता है। नवरात्र में इस बार माता का आगमन डोली पर है। इसका फल अतिशय कष्ट और विपत्ति है। गमन मुर्गा पर हो रहा। इसका फल ग्रह दशा या व्याकुलता है, ऐसे में माता का आवागमन देश-समाज के लिए बहुत शुभ नहीं है। 

यह भी पढ़ें: दिल्ली चलो का नारा बुलंद कर जंतर-मंतर पर धरने की तैयारी में जुटे शिक्षामित्र

पूजन-दर्शन और उपवास

  • 21 सितंबर - सुबह 9.57 बजे तक प्रतिपदा - शैलपुत्री दर्शन
  • 22 सितंबर - सुबह 10.05 बजे तक द्वितीय - ब्रह्मचारिणी देवी दर्शन
  • 23 सितंबर - सुबह 10.46 बजे तक तृतीया, चंद्रघंटा देवी दर्शन
  • 24 सितंबर - सुबह 11.51 बजे तक चतुर्थी - कूष्मांडा
  • 25 सितंबर - दोपहर 1.26 बजे तक पंचमी - स्कंदमाता देवी दर्शन
  • 26 सितंबर - दोपहर 3.18 बजे तक षष्ठी, कात्यायनी देवी दर्शन
  • 27 सितंबर - शाम 5.23 बजे तक सप्तमी, कालरात्रि दर्शन
  • 28 सितंबर - शाम 7.27 बजे तक अष्टमी, महागौरी
  • 29 सितंबर - रात 9.22 बजे तक महानवमी, सिद्धिदात्री देवी दर्शन 
  • 30 सितंबर - विजय दशमी 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.