प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी बनी त्रिवेणी, दो दिन में 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए काशी विश्वनाथ के दर्शन
प्रयागराज अयोध्या और वाराणसी की त्रिवेणी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। काशी में गंगा के साथ आस्था की नई त्रिवेणी रच दी है। गणतंत्र दिवस और सोमवार को मिलाकर 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। काशी में श्रद्धालुओं की दिनों दिन संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रशासन भीड़ पर नियंत्रण करने का पूरा प्रयास कर रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रयागराज त्रिवेणी में स्नान-विधान से पुण्य अमृत संचय कर चला आ रहा श्रद्धालुओं का अनवरत प्रवाह तो दूसरी ओर अवधेश प्रभु की चरण-शरण में अयोध्या से सरयू में डुबकी लगा कर उमड़ रही श्रद्धा की भक्ति धारा ने काशी में गंगा संग आस्था की नई त्रिवेणी रच दी है।
यहां श्रद्धा का जनज्वार उमड़ पड़ा है। सड़कों से लेकर गलियों तक, घाटों से देवालयों तक केवल कतार ही कतार, संख्या अपार, हर ओर जय-जयकार। जाने कितने सावन बीत गए, लेकिन काशीवासियों ने शायद ही ऐसा जनज्वार देखा होगा। बाबा दरबार में लगा हेड काउंट कैमरा भी गिनती कर पाने में विफल।
18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
एक अनुमान के मुताबिक, गणतंत्र दिवस व दूसरे दिन सोमवार को मिला कर 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर लिए। मंदिर प्रशासन को सोमवार को बाबा के गर्भगृह के कपाट दो घंटे अधिक रात एक बजे तक खोले रखने का निर्णय लेना पड़ा।
लगातार बढ़ती जा रही श्रद्धालुओं की संख्या
काशी में श्रद्धालुओं की दिनों दिन संख्या बढ़ती ही जा रही है। रविवार को गणतंत्र दिवस पर लगभग नौ लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए तो सोम प्रदोष के योग में यह संख्या नौ लाख के भी पार पहुंच गई। पूरी सड़क हर ओर ठसाठस भरी हुई, लोग घंटों जाम में फंसे रहे। सिर पर झोला, कांधे पर कंबल रखे श्रद्धालुओं का अनवरत रेला, पैदल ही गंगा घाटों, बाबा दरबार और काल भैरव मंदिर की ओर जाने वाली हर राह, हर गली पर चला जा रहा था।
प्रशासन को करना पड़ा वनवे
गंगा स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन को आने वाली भारी भीड़ से दशाश्वमेध से गोदौलिया तक की सड़क ठसाठस भर गई तो प्रशासन ने उस मार्ग को बंद कर एकल कर दिया। इसके बाद गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का प्रवाह गलियों में घुसा तो फिर हर गली के खिड़की-दरवाजों से लोगों का निकलना बंद हो गया।
वहीं महाकुंभ में आज रात आठ बजे से मौनी अमावस्या के लिए महास्नान शुरू होगा। इस स्नान में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसका असर काशी पर भी पड़ेगा। संगम में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं काशी-अयोध्या की ओर मुड़ सकते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।