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    Mahakumbh: मौनी अमावस्या के लिए रात 8 बजे से शुरू होगा महास्नान, 10 जिलों के DM-SP ने संभाली कमान; अखाड़ा मार्ग सील

    Mauni Amavasya 2025 Snan Muhurat महाकुंभ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर आज रात 8 बजे से संगम में स्नान शुरू होगा। 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 44 घाट बनाए गए है। प्रयागराज समेत 10 जिलों के डीएम-एसपी को व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया गया है।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 28 Jan 2025 07:43 AM (IST)
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    मौनी अमावस्या के लिए रात 8 बजे से शुरू होगा महास्नान

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। (Mahakumbh 2025) महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर अमृत पान की उत्कंठा लेकर संगम की पावन धरा पर आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। लगभग 12 किमी के क्षेत्र में विकसित सभी 44 घाटों पर स्नान कराने की तैयारी है।

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    घाटों पर एसडीएम के साथ सीओ, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को भी लगाया गया है। संगम तट के घाटों के साथ ही ऐरावत घाट व अरैल घाट पर आइएएस अधिकारियों और एडीएम व एसडीएम रैंक के पीसीएस अधिकारियों को लगाया गया है। इसके अलावा प्रयागराज समेत इसके आसपास चारों ओर स्थित 10 जिलों के डीएम व एसपी को भी लगा दिया गया है।

    10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

    महाकुंभ के इस मुख्य अमृत स्नान पर्व पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसके अनुसार ही प्रबंध किए गए हैं। दो दिन पहले से ही भारी भीड़ उमड़ने लगी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी संतों और कल्पवासियों तथा संस्थाओं के शिविर भर चुके हैं। रैन बसेरों में भी जगह नहीं है।

    शहर के होटल से लेकर मेला क्षेत्र में बनाए गए सरकारी व निजी टेंट सिटी का भी यही हाल है। मौनी स्नान का महायोग वैसे मंगलवार रात आठ बजे के करीब से शुरू हो जाएगा मगर अखाड़ों का महास्नान बुधवार सुबह प्रारंभ होगा। अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया गया है।

    अमृत स्नान पथ पर नहीं जा सकेंगे आम श्रद्धालु

    इस अमृत स्नान पथ पर अखाड़ों के ही संत-महात्मा, उनके शिष्य व भक्त जा सकेंगे। अखाड़ों के लिए संगम तट पर अलग से स्नान घाट बना दिया गया है, जहां आम श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा सकेंगे। आम श्रद्धालुओं के लिए अलग से घाट बनाया गया है।

    ऐरावत संगम घाट भी विकसित किया गया है जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर के राज्यों के श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर अरैल में स्नान घाट बनाए गए हैं।

    दिल्ली, पश्चिमी उप्र, उत्तराखंड, हरियाणा-पंजाब से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए संगम से लेकर नागवासुकि तक घाट पर स्नान कराने की तैयारी है। ट्रेनों व बसों से आने वाले श्रद्धालुओं तथा निजी वाहनों से आ रहे श्रद्धालुओं को स्नान कराकर शीघ्र ही सकुशल वापसी पर जोर रहेगा।

    शहर के लोगों से चार पहिया वाहनों का प्रयोग न करने की अपील

    मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर प्रयागराज शहर के लोगों से चार पहिया वाहनों का न प्रयोग करने का डीएम प्रयागराज रविंद्र कुमार मांदड़ ने किया है। एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने आह्वान किया कि प्रयाग के लोग चार पहिया वाहनों का प्रयोग न करें और प्रशासन का सहयोग करें, ताकि जाम की समस्या न उत्पन्न हो सके।

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