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अब परिवारीजनों को ट्रेन में बैठाना हुआ आसान, वाराणसी में रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट की बिक्री शुरू

वाराणसी में पहले प्लेटफॉर्म टिकट सिर्फ 10 रुपए में मिलता था लेकिन पिछले साल लॉकडाउन से पहले भीड़ को रोकने के लिए 18 से 22 मार्च के बीच दाम बढ़ाकर 50 रुपए किए गए थे। जिन्हें ट्रेन में बैठाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 02:48 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 02:48 PM (IST)
11 महीने से बंद प्लेटफार्म टिकट की सेवा शुक्रवार से बहाल कर दी गई है।

वाराणसी, जेएनएन। 11 महीने से बंद प्लेटफार्म टिकट की सेवा शुक्रवार से बहाल कर दी गई है। वाराणसी जंक्शन समेत उत्तर रेलवे के सभी स्टेशनों पर इसकी बिक्री का काम प्रारंभ हो गया है। हालांकि पहले चरण में एटीवीएम और यूटीएस ऑन मोबाइल एप से ही प्लेटफार्म टिकट जारी किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में यह सुविधा रेलवे की टिकट खिड़कियों से भी मिलेगी। रेलवे बोर्ड के आदेश पर स्थानीय स्तर पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बड़ी सेवा के प्रारंभ होने से यात्रियों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है। जिन्हें ट्रेन में बैठाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

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50 रुपये प्लेटफार्म टिकट का दाम

पहले प्लेटफॉर्म टिकट सिर्फ 10 रुपए में मिलता था, लेकिन पिछले साल लॉकडाउन से पहले भीड़ को रोकने के लिए 18 से 22 मार्च के बीच दाम बढ़ाकर 50 रुपए किए गए थे। ऐसा करने से महंगा प्लेटफॉर्म टिकट होने की वजह से कम से कम लोग प्लेटफॉर्म में घुसते थे। यानी जिन्हें यात्रा करनी होती थी, उनके अलावा बहुत ही कम लोग प्लेटफॉर्म में घुसते थे। भीड़ कम होने से कोरोना से लड़ने में मदद मिली।

ताकि भीड़ का न हो दबाव

कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ है और वैसे भी किसी भी प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ कोई अच्छी बात नहीं है। अभी भी कोरोना से लड़ना जरूरी है, तमाम सावधानियां बरतना जरूरी है, लेकिन अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इकनॉमिक गतिविधियां भी चालू होना जरूरी है। ऐसे में रेलवे स्टेशनों को शुरू करने के साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट देना भी शुरू कर दिया गया है, लेकिन कीमत अधिक रखी गई है।

लोको पायलट को गाइड करेगा सॉफ्टवेयर

अब रेलवे सेक्शन में स्पीड लिमिट की जानकारी लोको पायलट को इंजन में ही मिल जाएगी। इसके लिए स्टेशनों पर कॉशन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए क्रिस (सेंटर फॉर रेल इनफार्मेशन सिस्टम) एक खास तरह का सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। यह जानकारी उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक कृष्ण कांत रोरा ने दी। बुधवार को दो दिनी निरीक्षण दौरे पर कैंट स्टेशन पहुंचे वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक ने वाराणसी- पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे सेक्शन का जायजा लिया। निरीक्षण के उपरांत उन्होंने रेलवे में परिचालन के दृष्टिकोण से आधुनिक बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोको इंजन में खास तरह के सिस्टम लगाए जा रहे हैं। जो लोको पायलट को सेक्शन में स्पीड लिमिट की जानकारी देगा। मैनुअल कॉशन पर उनकी निर्भरता समाप्त हो जाएगी। पुरानी व्यवस्था के तहत रेलवे स्टेशन पर लोको पायलट औऱ गार्ड को मैनुअल कॉशन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि लखनऊ मंडल में मेल/एक्सप्रेस और मालगोदाम की रफ्तार बढ़ाई गई है। गाडिय़ों की समयबद्धता पर जोर दिया जा रहा है। बुधवार को वाराणसी- पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे सेक्शन में रिकॉर्ड 41 मालगाडिय़ां पास कराई गई। बताया कि कोरोना काल में रेलवे में ढांचागत विकास पर जोर दिया। परिणामस्वरूप गाडिय़ां रफ्तार से दौड़ रही है। वहीं, समयबद्धता में काफी सुधार आया है। इसके उपरांत वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक कृष्ण कांत रोरा ने कैंट स्टेशन के यार्ड का जायजा लिया।


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