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    श्रीमहंत रवींद्र पुरी फिर बने निरंजनी अखाड़े के सचिव, अष्ट कौशल की बैठक में हुआ चुनाव

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 08:06 AM (IST)

    Nirvani Akhara Secretary Elections सनातन धर्म के रक्षक अखाड़ों का पुनर्गठन शुरू हो गया है। श्रीनंदिनी काशी शिवाला घाट स्थित अखाड़ा के आश्रम में पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के सचिव का चुनाव हुआ। अष्ट कौशल पंच की बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी को पुन अखाड़े (हरिद्वार) का सचिव चुना गया है।

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    पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के सचिव बनें श्रीमहंत रवींद्र पुरी। जारगण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। सनातन धर्म के रक्षक अखाड़ों का नए स्तर पर गठन आरंभ हो गया है। इसके अंतर्गत पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के सचिव का चुनाव मंगलवार को श्रीनंदिनी काशी शिवाला घाट स्थित अखाड़ा के आश्रम में किया गया। अष्ट कौशल पंच की बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी को पुन: अखाड़े (हरिद्वार) का सचिव चुना गया है।

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    इनके अलावा श्रीमहंत रामरतन गिरि हरिद्वार, श्रीमहंत राज गिरि श्रवणनाथ मठ हरिद्वार, श्रीमहंत नीलकंठ गिरि व श्रीमहंत रामसेवक गिरि प्रयागराज, काशी व मांडा के तथा श्रीमहंत राकेश गिरि गुरु शिखर माउंट आबू राजस्थान के व श्रीमहंत दिनेश गिरि को वडोदरा-गुजरात का सचिव बनाया गया है। इनमें श्रीमहंत रामरतन गिरि व श्रीमहंत दिनेश गिरि को भी दुबारा दायित्व सौंपा गया है।

    अखाड़े के काशी प्रयागराज व मांडा के पूर्व सचिव रहे श्रीमहंत राधे गिरि ने बताया कि निरंजनी अखाड़े में कर्ताधर्ता सचिव होते हैं जबकि सर्वाेपरि पंच होते हैं। सचिवों के के निर्देशन में अखाड़े की समस्त गतिविधियों का संचालन होता है तो पंच ही महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर व श्रीमहंत तथा सचिव आदि का चयन करते हैं।

    चौकी घाट पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते नागा साधु। जारगण


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    तीर्थराज प्रयाग में चल रहे महाकुंभ के दौरान अखाड़े में श्रीमहंत का चयन किया गया था। वसंत पंचमी का अमृत स्नान के बाद शैव अखाड़े जूना, महानिर्वाणी, निरंजनी, अग्नि, आवाहन, अटल और आनंद काशी में प्रवास कर रहे हैं। यहीं छह वर्ष के लिए नए पदाधिकारियों का चयन किया जा रहा है।

    अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि समस्त सचिव अखाड़ा और सनातन धर्म के हित में अपनी सक्रियता तेज करेंगे। हरिद्वार के अर्द्धकुंभ, नासिक और उज्जैन के कुंभ मेला को भव्य कराना सबका लक्ष्य है। इसके लिए तीनों प्रदेशों की सरकारों से सामंजस्य स्थापित करके काम किया जाएगा, जिससे संतों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न हाेने पाए।

    बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जनप्रवाह। जागरण


    बाबा विश्वनाथ के दर्शन को पहुंचे सात लाख श्रद्धालु, धूप से बचाव को हुई व्यवस्था

    काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जनप्रवाह अविरल अटूट लगातार जारी है। इधर कई दिनों से सात लाख से अधिक श्रद्धालु नित्य बाबा का दर्शन-पूजन कर रहे हैं। मंगलवार रात नौ बजे तक 5,25,842 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। रात एक बजे मंदिर बंद होने तक यह संख्या सात लाख तक पहुंच गई।

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    उधर, दिन में तीखी होती धूप और बढ़ती गर्मी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए छाया की व्यवस्था की। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने श्रद्धालुओं से सुविधाओं के मद्देनजर बातचीत कर उनके सुझाव लिए। श्रद्धालुओं के लिए गुड़-पानी का प्रबंध कराया। प्रात:काल से ही दर्शन के लिए लगी हर सड़क पर दो किमी लंबी कतार देर रात तक बनी हुई थी।