Maha Kumbh 2025 का असर: ढाई लाख श्रद्धालुओं की बनारस मंडल में आवाजाही, 110 की रफ्तार से दौड़ रहीं स्पेशल ट्रेनें
Maha Kumbh 2025 की शुरुआत में ही बनारस मंडल में 2.5 लाख श्रद्धालुओं की आवाजाही हुई है। रेलवे ने व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखते हुए 150 अतिरिक्त ट्रेनें चलाई हैं। रामबाग झूंसी और बनारस स्टेशन पर 24/7 चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। कंट्रोल रूम से व्यवस्थाओं की निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्टेशनों पर एलईडी डिस्प्ले बोर्ड वीडियो वॉल और स्पीकर लगाए गए हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) और मकर संंक्रांति (14 जनवरी) को बनारस रेल मंडल में ढाई लाख श्रद्धालुओं की आवाजाही हुई। इस आंकड़े के सामने आते ही उत्साहित रेलवे महाकुंभ को सकुशल कराने के लिए व्यवस्थाओं के नट-बोल्ट को और ज्यादा कसा है। इसलिए कि श्रद्धालुओं की भीड़ में इजाफा होने पर भी व्यवस्थाओं की पटरी पर महाकुंभ की रेल रफ्तार भरती रहे।
शुरुआती दो दिनों में श्रद्धालुओं का सैलाब संभालने को डीआरएम विनीत कुमार श्रीवास्तव ने पूरी टीम के परिश्रम का परिणाम बताया।कहा कि हमारी रणनीति महाकुंभ के प्रत्येक दिन को पहला मानकर पूरी ऊर्जा से व्यवस्थाओं का उपयोग करके श्रद्धालुओं की राह आसान करना है। डीआरएम ने तैयारियों की विस्तार से जानकारी भी दी, जो यूं रही...।
महाकुंभ (Maha Kumbh) ट्रेनों की तेज रफ्तार से 150 ट्रेनों का संचालन
प्रयागराज और वाराणसी के बीच ट्रैक का दोहरीकरण और लाइनों के विद्युतीकरण से श्रद्धालुओं की राह आसान हुई है। ट्रेनें 110 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ रहीं हैं। दो दिनों में सामान्य ट्रेनों के परिचालन के साथ ही 150 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन पिछले कई सालों के मशक्कत का परिणाम है।
रामनगर बलुआ घाट पर गंगा आरती के स्थापना दिवस पर भव्य आरती करते बटुक ब्राह्मण। जागरण
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बीमार पड़े 1197 श्रद्धालुओं का इलाज
रामबाग, झूंसी और बनारस स्टेशन पर तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने को 24/7 इलाज के इंतजाम हैं। त्वरित चिकित्सा प्रदान करने को मेडिकल टीम बनी है। दो दिनों के स्नान में 1197 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया। छह की हालत गंभीर होने पर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देकर रेफर किया गया।
व्यवस्था पर नियंत्रण को मुख्यालय पर कंट्रोल रूम
मंडल मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम से व्यवस्थाओं की निगरानी की जा रही है। स्टेशन/कंट्रोलर, टीएक्सआर/कंट्रोलर, पावर कंट्रोल, ट्रैक्शन लोको कंट्रोलर मुख्यालय के कंट्रोल रूम से गवर्न किए जा रहे हैं। क्रू मेंबर को अलर्ट मोड में रखा गया है, जिससे जरूरत पर खाली रैक रेल मंडल में कहीं भी भेजा जा सके।
दशाश्वमेध घाट पर गंगा में स्नान करते श्रद्धालु। जागरण
सूचनाएं श्रद्धालुओं तक पहुंचाने को स्क्रीन
बनारस, झूंसी और रामबाग स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 55 इंच की 18 एलईडी डिस्प्ले बोर्ड, एक वीडियो वाल एवं 30 स्पीकर लगाए गए हैं। यह व्यवस्थाएं पूर्व की व्यवस्था से अलग हैं।
वाइफाई के 61 कनेक्शन से उपकरण संचालित
विभिनन स्टेशनों पर 61 वाइफाई, 20 रेलवे फोन, नियंत्रण कक्ष के लिए 06 हाटलाइन, ब्राड बैंड कनेक्शन के अलावा दो बीएसएनएल फोन, यात्री आश्रय एवं पूछताछ केंद्र के लिए 44 मोबाइल फोन, आपात स्थिति के लिए कंट्रोल रूम में चार बीएसएनएल हेल्पलाइन नंबर, ट्रेनों के परिचालन की सटीक जानकारी के लिए 02 अतिरिक्त कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
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70 मेगा माइक फोन, यूटीएस, इंक्वायरी एवं पीआरएस काउंटर पर सुविधा के लिए 44 दो तरफा संचार प्रणाली 25 वाट का वीएचएफ सेट, पांच वाट का 130 वीएचएफ वाकी-टाकी की व्यवस्था है। 209 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
बनारस मंडल के किस स्टेशन पर कितनी रही ट्रैफिक
- 19078 श्रद्धालुओं की बनारस पर रही आवाजाही।
- 7045 श्रद्धालुओं की वाराणसी सिटी से रही आवाजाही।
- 7,7,167 श्रद्धालुओं की रामबाग रेलवे स्टेशन पर रही आवाजाही।
- 1,32,925 श्रद्धालुओं ने झूंसी स्टेशन से की आवाजाही।
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