Gyanvapi Case: मंदिर पक्ष में जा रहा ASI का सर्वे, सनातन परंपरा से जुड़े मिल रहे प्रतीक चिन्ह
Gyanvapi Case ज्ञानवापी प्रकरण में जैसे-जैसे एएसआई की जांच आगे बढ़ रही है। वैसे ही कथित मस्जिद की दीवारों से लेकर तहखानों में सनातन परंपरा के प्रतीक चिह्नों के मिलने की संख्या बढ़ती जा रही है। सदियों से महादेव की प्रतीक्षा में बैठे नंदी महाराज की प्रतीक्षा का अब अंत होने के साथ हिंदू समाज को उसका खोया हुआ गौरव प्राप्त करने की अनुभूति आनंदित करने वाली है।

जागरण न्यूज नेटवर्क, वाराणसी। ज्ञानवापी प्रकरण में जैसे-जैसे एएसआई की जांच आगे बढ़ रही है। वैसे ही कथित मस्जिद की दीवारों से लेकर तहखानों में सनातन परंपरा के प्रतीक चिह्नों के मिलने की संख्या बढ़ती जा रही है। समय आ रहा है कि ज्ञान की वापी को वापस सनातन संस्कृति की धारा में जोड़ दिया जाए।
फिलहाल जांच अभी और आगे बढ़ रही है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद इस द्वंद्व का अंत निश्चित है। सदियों से महादेव की प्रतीक्षा में बैठे नंदी महाराज की प्रतीक्षा का अब अंत होने के साथ हिंदू समाज को उसका खोया हुआ गौरव प्राप्त करने की अनुभूति आनंदित करने वाली है।
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जरूरत है कि सरकार अब इस प्रकरण में अपनी सार्थक भूमिका के साथ प्रवेश करे और हिंदू समाज को उनके आराध्य के खोये वैभव को वापस प्रदान करने में सहयोगी बने
ASI ने बताया ईंट-पत्थर भी मिले
एएसआइ की ओर से बताया गया कि 21 जुलाई को दिए गए जिला जज की अदालत के आदेश के अनुसार एएसआइ वैज्ञानिक विधि से जांच-सर्वे कर रही है। इसकी रिपोर्ट दो सितंबर को अदालत को सौंपनी थी। सर्वे के दौरान कई जगहों पर कचरा, मलबा, मिट्टी के साथ ही टूटी इमारत का मलबा, जैसे ईंट-पत्थर के टुकड़े, पत्थर की पटरी आदि पड़े मिले।
यह सब परिसर में फर्श पर और तहखानों में पड़े हैं। इसके साथ ही इमारत के चारों तरफ मलबा और मिट्टी पड़े हैं जो इमारत की मूल संरचना को ढंके हुए है। इनकी सफाई का काम चल रहा है ताकि इमारत की वैज्ञानिक विधि से जांच की जा सके, जैसा अदालत ने आदेश दिया था।
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