रोटी, कपड़ा, मकान को राहत देगा जीएसटी दर में बदलाव, मार्केट में आएगी तेजी, जान लें आखिर क्या बदलने वाला है...
वाराणसी में राज्य कर विभाग के अधिकारियों के अनुसार जीएसटी दर में बदलाव से आम आदमी की मूलभूत आवश्यकताओं को राहत मिलेगी। रोटी कपड़ा और मकान से जुड़े उत्पादों पर टैक्स कम होने से खरीदारी बढ़ेगी जिससे बाजार में मांग और उत्पादन में वृद्धि होगी। खाद और ट्रैक्टर के कल-पुर्जों पर टैक्स घटने से किसानों को भी फायदा होगा।

मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी। जीएसटी दर में बदलाव होने से सभी की मूलभूत आवश्यकताओं को राहत मिलने वाली है। जीएसटी स्लैब में कटौती होने से हर वर्ग को इसका लाभ मिलेगा। 17 प्रकार के टैक्स को खत्म कर एक जुलाई 2017 को एक कर प्रणाली जीएसटी लागू की गई।
शुरू में भले ही कुछ व्यापारियों ने विरोध जताया, लेकिन जब इसके फायदे बताए गए तो उन्होंने स्वीकार किया। यह व्यवस्था पूरी तरह से अब स्टेबल हो गई है। इसी के बाद सरकार ने दर में अब कटौती की है। इसमें आम लोगों की जरूरतों रोटी, कपड़ा व मकान का ध्यान रखा गया है। टैक्स कम होने से खरीदारी बढ़ेगी। खरीदारी बढ़ेगी तो बाजार में मांग बढ़ेगी।
इसके बाद उत्पादन व रोजगार भी बढ़ेगा। ऐसा होने से टैक्स भी आएगा। यानी स्लैब में जो कटौती की गई है उससे बाजार में जबरदस्त बूम आने वाली है, जिससे टैक्स कलेक्शन की भरपाई हो जाएगी। ये कहना है राज्य कर विभाग, वाराणसी द्वितीय जोन के अपर आयुक्त (ग्रेड-वन) मिथिलेश कुमार शुक्ल व संयुक्त आयुक्त अनिल कुमार सिंह का। वे सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रोटी, कपड़ा, मकान पर बहुत अधिक राहत
बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले लगभग 17 प्रकार के टैक्स लगते थे। सभी को जोड़कर लगभग 24 प्रतिशत तक टैक्स हो जाता था। सभी को जब खत्म कर जीएसटी लागू किया गया तो सामान्य तौर पर टैक्स 18 प्रतिशत हो गया। अपर आयुक्त ने बताया कि रूई पर पांच प्रतिशत, उससे बनने वाले वाले धागे पर, कलरिंग आदि पर टैक्स लगता है। हालांकि कपड़े पर कोई टैक्स नहीं हैं, लेकिन अगर वह रेडीमेड कपड़ा है तो उसपर टैक्स लगता है। कुल मिलाकर 24 प्रतिशत तक टैक्स हो जाता था। अब नए बदलाव में 2500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़ों पांच प्रतिशत टैक्स है।
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वहीं इससे ऊपर के कपड़े पर 18 प्रतिशत है। इससे पहले जीएसटी में ही एक हजार रुपये तक के रेडीमेड कपड़े पर पांच प्रतिशत टैक्स था और उसके ऊपर 12 प्रतशित था। इसमें राहत दी गई है। वहीं जिन्हें मकान बनाना है उन्हें सीमेंट, टाइल्स, मार्बल आदि भी अब सस्ते मिलेंगी। इसके साथ ही कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है, जबकि पहले इनपर पांच, 12 व 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था। यानी इसमें भी राहत मिलेगी।
किसानों को सस्ती मिलेगी खाद
अपर आयुक्त ने बताया कि पहले खाद में उपयोग होने वाले केमिकल पर 12 व 18 प्रतिशत टैक्स था। अब इसे पांच प्रतिशत वाले स्लैब में शामिल किया गया है। इससे किसानों को अब यूरिया, डीएपी खाद सस्ती मिलेगी। साथ ही ट्रैक्टर टायर व उसके कुछ कल-पूर्जे पर से भी टैक्स कम हुआ है। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
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