वाराणसी में फिर बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, बाढ़ का मंडराने लगा खतरा, पढ़ें जल आयोग की ताजा रिपोर्ट...
पहाड़ों और पश्चिम में भारी बारिश के कारण वाराणसी में गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। जलस्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पूर्वांचल में सरयू पहले से ही खतरे के निशान के करीब है। गंगा में तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से जलस्तर बढ़ रहा है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पहाड़ों और पश्चिम में विगत सप्ताह से रह रहकर हो रही भारी बारिश की वजह से एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। बीते चौबीस घंटों से लगातार जलस्तर में इजाफे की संभावनाओं के बीच बाढ़ का स्तर दोबारा चुनौती देने की ओर हो चला है। पूर्वांचल में सरयू पहले से ही खतरा बिंंदु के आसपास बनी हुई हैं।
शनिवार को शाम चार बजे राजघाट स्थित केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा चेतावनी बिंंदु 70.262 मीटर और खतरा बिंदु 71.262 मीटर के सापेक्ष 69.09 मीटर पर दर्ज किया गया। फिलहाल गंगा में तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से जलस्तर बढ़ रहा है। वाराणसी में गंगा का सर्वकालिक उच्च स्तर 73.901 मीटर दर्ज किया गया है। मगर, एक बार फिर से नदी के पिछले हिस्से के जिलों में पानी तेजी से बढ़ने की वजह से अब दोबारा काशी में चुनौती बढ़ने लगी है।
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पूर्वांचल के भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पानी बढ़ने की वजह से नदी का जलस्तर लगातार चढ़ने लगा है। नदी का जलस्तर अगले चौबीस घंटों तक लगातार अगर बढ़ता रहा तो गंगा में नौका संचालन पर दोबारा प्रतिबंध लगने की नौबत आ जाएगी।
माना जा रहा है कि पीछे सरयू, चंबल आदि नदियों का पानी उफान पर होने की वजह से और दूसरी ओर पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद मैदानी क्षेत्रों में पानी अब तेजी से पहुंच रहा है। यही रुख बना रहा तो निचले इलाकों में एक बार फिर से बाढ़ का पानी फैल जाएगा और खेती किसानी के साथ ही तटवर्ती इलाकों में भी पानी लोगों को चुनौती देता नजर आएगा।
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बीते सप्ताह पानी बढ़ने पर प्रशासन ने वरुणा के पलट प्रवाह से प्रभावित लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। इसके बाद पानी घटने लगा था। एक बार फिर अब पानी बढ़ने की वजह से अब बाढ़ की एक बार फिर से दस्तक होने की उम्मीद है।
माना जा रहा है कि वरुणा के पलट प्रवाह से इस बार फिर लोग पलायन किए तो तीसरी बार बाढ़ के दौरान नौबत होगी। हालांकि पूर्वांचल में बारिश थमने की वजह से कुछ राहत कही जा सकती है लेकिन उमस का दौर अगर बूंदाबांदी कराता है तो तेजी से नदी का जलस्तर बढ़ सकता है।
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