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Encounter in UP Ballia : कभी शहाबुद्दीन का शूटर था हरीश पासवान, पत्रकार व सांसद प्रतिनिधि की हत्या में शामिल

अंतरप्रांतीय शातिर बदमाश हरीश के मारे जाने के बाद पुलिस की निगाह उसके गैंग के अन्य सदस्यों पर है। बलिया में पुलिस रिकार्ड में 45 गैंग पंजीकृत हैं। वह गैंग डी-12 के नाम से चर्चित था इसमें आधा दर्जन सक्रिय सदस्य हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 05:18 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 05:18 PM (IST)
बलिया में एसटीएफ की अपराधी से मुठभेड़ की पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

जागरण संवाददाता, बलिया। कुख्यात बदमाश हरीश पर 17 वर्ष पहले गोरखपुर के डाक्टर सीबी मद्धेशिया के अपहरण का आरोप लगा था। कहा जाता है कि फिरौती के 30 लाख रुपये लेने के बाद डाक्टर काे छोड़ा गया था। पांच वर्ष पूर्व सिवान बिहार के पत्रकार राजीव रंजन व सांसद प्रतिनिधि श्रीकांत भारती की हत्या में भी उसका नाम सामने आने के बाद पुलिस की चुनौती बढ़ गई थी। कभी बाहुबली शहाबुद्दीन के शूटर रहे हरीश पासवान की तलाश बिहार व छत्तीसगढ़ की पुलिस काफी दिनों से कर रही थी।

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नहीं लगी भनक, एसटीएफ आगे-आगे, पुलिस पीछे-पीछे

जनपद में एसटीएफ की अपराधी से मुठभेड़ की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। काफी देर तक पुलिस अधिकारी इससे अनभिज्ञ रहे। एसटीएफ की टीम आगे-आगे तो पुलिस वाले पीछे-पीछे चलते रहे। लगभग एक घंटे बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने भी मौका मुआयना किया। उन्होंने एसटीएफ के कार्य की सराहना की।

हरीश के एनकाउंटर के बाद भी जिले में 44 गैंग सक्रिय

अंतरप्रांतीय शातिर बदमाश हरीश के मारे जाने के बाद पुलिस की निगाह उसके गैंग के अन्य सदस्यों पर है। जिले में पुलिस रिकार्ड में 45 गैंग पंजीकृत हैं। वह गैंग डी-12 के नाम से चर्चित था, इसमें आधा दर्जन सक्रिय सदस्य हैं। जो इसके लिए काम करते हैं, अब जिले में 44 गैंग सक्रिय हैं। पुलिस की निगाह अब इन गैंगों पर है। ठीकेदारी, लूट, डकैती, आपराधिक माफिया, चोरी, शराब तस्करी व पशु तस्करी के भी गैंग शामिल हैं। पुलिस अब गैंगों की कुंडली खंगालने में जुट गयी है। अभी पुलिस को हर मोड़ पर लुटेरा, माफिया व पशु तस्कर गैंग के सदस्य चुनौती देते हैं।

पुलिस रिकार्ड में है सक्रिय गैंग कौशल चौबे गैंग-ठेकेदारी, मिथिलेश उर्फ बब्लू-लुटेरा, चंदन कुमार मिश्रा-लूट, वीरेंद्र कुर्मी उर्फ संजय-अपराधिक माफिया लूट, मिथुन कुमार गुप्ता-नकबजनी, रमेश बिंद-चोरी, राजकुमार सिंह-माफिया, अजीत नट-लूट, रितेश उर्फ नितेश सिंह-लूट, छोटू चौबे उर्फ शशि प्रकाश-लुटेरा, -सुनील कुमार यादव उर्फ बैला-लूट, मुन्ना नट-डकैती, विशुनदेव यादव-लूट व डकैती, अनूप पांडेय-लूट, सुनील राम-लूट, बब्लू उर्फ धनंजय-लूट, चंदन सिंह-गो-तस्कर, वीरेंद्र चौहान-लूट, रमेश मुसहर-नकबजनी, मनीष सिंह-लूट, अजय साहनी उर्फ जितेंद्र-चोरी, शेरू उर्फ राम अवध-लूट, रमेश हरिजन-लूट, राजू कुमार यादव-वाहन चाेरी, बाबू लाल मुसहर-नकबजनी व चाेरी, राज कुमार यादव उर्फ मल्लू यादव-वाहन चोरी, विकास राय-वाहन चोरी, कमलेश यादव-शराब तस्कर, टेनी नट-गोबंश तस्कर, आकाश राजभर उर्फ संजीवन-नकबजनी, अनिल पासवान-शराब तस्कर, सिकंदर पासवान-शराब तस्कर, सरोज नट-गोवंश तस्कर, गुरूबचन सिंह-माफिया व मुराली मुसहर-चोरी ।हरीश गैंग के बचे पांच सदस्य हरीश गैंग की सक्रियता पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थी। माफिया ने पुलिस को कई मोर्चे पर चुनौती दी। इस गैंग के पांच सदस्य बच गये हैं। पुलिस सदस्यों पर निगाह रखी हुई है।


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