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    रेलवे विभागीय परीक्षा में धांधली का भंडाफोड़: सिंडिकेट की तरह काम करते थे सभी, तय थी सबकी भूमिका

    Updated: Wed, 05 Mar 2025 03:29 PM (IST)

    Corruption in Railways रेलवे विभागीय परीक्षा में धांधली का खुलासा हुआ है। सीबीआई ने एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है जिसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक शामिल थे। आरोप है कि उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर उन्हें प्रश्न पत्र लीक किए गए थे। सीबीआई ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है। इस खबर में पूरी जानकारी पढ़ें।

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    मंडल कार्यालय से सुशांत पराशर को गिरफ्तार कर ले जाती सीबीआइ की टीम। जागरण

     जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्य लोको इंस्पेक्टर के पद को भरने के लिए रेलवे के समानांतर व्यवस्था खड़ी करने वाले भ्रष्टाचारियों की टीम सिंडिकेट की तरह काम कर रही थी। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की अलग-अलग जिम्मेदारी निर्धारित थी।

    भ्रष्टाचारियों का चक्रव्यूह उनकी नजर में अभेद्य था, लेकिन सीबीआइ के ऑपरेशन ने दिखा दिया कि अपराध लाख छिपाने पर भी नहीं छिपता। हालांकि, अभी तक सबकुछ आरोप पर आधारित है, सच्चाई सीबीआइ जांच पूर्ण होने और कोर्ट में उसे साबित करने पर ही सामने आ सकेगी।

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    पूर्व मध्य रेलवे ने चार मार्च को मुख्य लोको निरीक्षकों के पद के लिए विभागीय परीक्षा निर्धारित की थी। पीडीडीयू नगर में सोमवार की मध्य रात्रि में तीन स्थानों पर सीबीआइ ने जांच के दौरान कुल 17 अभ्यर्थियों के पास से हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकापी बरामद की।

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    जांच में पता चला कि आरोपित वरीय मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) को उक्त परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया, जिसने इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे ओएस (ट्रेनिंग) को दे दिया।

    वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार को गिरफ्तार कर ले जाती सीबीआइ की टीम। जागरण


    कथित ओएस (ट्रेनिंग) ने इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से उम्मीदवारों तक पहुंचाया। सीबीआइ ने पैसे इकट्ठा करने और प्रश्न पत्र वितरित करने के आरोप में सीनियर डीईई और अन्य रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। 17 विभागीय उम्मीदवार वर्तमान में लोको पायलट के रूप में काम कर रहे हैं।

    इन लोगों ने कथित तौर पर प्रश्न पत्र के लिए आरोपित अधिकारियों को धन दिया था और तीन मार्च की देर रात प्रश्न पत्रों की प्रतियों के साथ रंगे हाथ पकड़े गए। उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में आठ स्थानों पर तलाशी ली गई। हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ-साथ उनकी फोटोकापी भी जब्त कर ली गई और इन प्रश्नपत्रों का मिलान मूल प्रश्नपत्र से किया गया और पाया गया कि वे मेल खाते हैं।

    अफसरों ने रोपे भ्रष्टाचार के बीज, कर्मियों ने डाली खाद

    सीबीआइ की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर के मुताबिक सीनियर डीईई आपरेशन सुशांत पाराशर, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार ने एक अन्य अधिकारी के साथ मिलकर कथित रूप से भ्रष्टाचार का बीज रोपण किया और विभागीय परीक्षा में बैठने वाले कई उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर उन्हें लाभ पहुंचाने की साजिश रची।

    अधिकारियों ने मातहत अफसरों और कर्मचारियों को कैंडिडेट्स लाने की जिम्मेदारी सौंपी, जिसके बाद भ्रष्टाचार का पौधा तेजी से पेड़ बनने लगा। एक अधिकारी सीधे तौर पर रिश्वत की रकम वसूल रहा था, उसने एक महिला को घूस की रकम लिफाफे में रखकर दी, जिसकी तलाश की जा रही है।

    पीडीडीयू रेल मंडल मुख्यालय के सभागार में पूछताछ के लिए बैठाए गए आराेपित। -जागरण


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    देर रात रेलवे बोर्ड भेजी गई गिरफ्तार अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची

    डीआरएम कार्यालय से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए 26 अधिकारियों, कर्मचारियों व लोगो पायलटों की सूची रेलवे बोर्ड भेज दी गई है। इसके साथ ही पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर मुख्यालय से स्थानीय स्तर पर जांच बैठा दी गई है। सभी आरोपितों की कुंडली विजिलेंस भी खंगालेगी।

    वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त के स्तर पर भी इसकी जांच होगी। हालांकि, मंडल रेल कार्यालय में यह भी चर्चा थी कि अभी दस दिन बाद डीआरएम के स्थानांतरण की लिस्ट आनी है। उनका कार्यकाल भी यहां पर पूरा हो रहा है। इससे पहले हुई इतनी बड़ी कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है।

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