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वाराणसी में बोलीं नेपाल के पीएम की पत्‍नी - 'पहले संकरी गलियां थीं, अब काशी विश्‍वनाथ मंदिर भव्‍य नजर आता है'

Nepal PM In Kashi वाराणसी में रविवार को नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा की पत्‍नी आरजू राणा देउबा ने मीडिया से काशी और नेपाल के संबंध में खुलकर बात किया। कहा कि - पहले संकरी गलियां थीं अब काशी विश्‍वनाथ मंदिर भव्‍य नजर आता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 03 Apr 2022 05:06 PM (IST)Updated: Sun, 03 Apr 2022 06:47 PM (IST)
वाराणसी में बोलीं नेपाल के पीएम की पत्‍नी - 'पहले संकरी गलियां थीं, अब काशी विश्‍वनाथ मंदिर भव्‍य नजर आता है'
आरजू राणा देउबा ने पत्रकारों से भी काशी में भारत नेपाल संबंधों पर बातचीत की।

वाराणसी, एएनआई। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की पत्‍नी आरजू राणा देउबा भी रविवार को पीएम के साथ काशी पहुंचीं और बाबा दरबार के साथ ही पशुपतिनाथ मंदिर और काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया। इस दौरान उन्‍होंने मीडिया से बातचीत कर भारत और नेपाल के संबंधों पर खुलकर बात की। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच आध्‍यात्मिक संबंध और अपने भारत के विभिन्‍न दौरों के समय धार्मिक प्रयोजनों का भी अनुभव साझा किया।

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आरजू राणा ने देउबा ने कहा‍ कि - सांस्कृतिक रूप से, भारत और नेपाल एक ही हैं। नेपाल में, काशी को एक ऐसी जगह के रूप में देखा जाता है, जहां अगर आप अपनी अंतिम सांस लेते हैं, तो आप को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मेरे पति यहां गर्मजोशी से भरे स्वागत से बहुत प्रभावित हुए हैं, हम स्‍वागत से काफी अभिभूत हैं। 

काशी की गलियों के बारे में अपना अनुभव बताया कि जब मैं पहले आई थी तो काफी संकरी गलियां थीं और हम मंदिर (काशी विश्वनाथ) तक पहुंचने के लिए एक लंबा रास्ता तय करते थे। अब यह बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। काशी विश्‍वनाथ धाम कारिडोर काफी शानदार दिखता है, सबसे अच्‍छी बात यह है कि यहां से पूरी गंगा नदी साफ दिखाई देती हैं।

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उन्‍होंने अपने पूर्व के भारत दौरे का भी जिक्र किया। कहा कि मैं पहली बार 1990 में भारत आई थी, फिर 2017 में और अब पांच साल बाद भारत आई हूं। मैंने बहुत बदलाव देखा है, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं खुद किसी दूसरे शहर में हूं, खासकर काशी विश्वनाथ इलाके में। मेरे पति गर्मजोशी से स्वागत से बहुत प्रभावित हुए हैं। मैं इस तरह के एक बड़े कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहती हूं। भारत और नेपाल के बीच यह घनिष्ठ संबंध शाश्वत रहा है और हमेशा के लिए जारी रहेगा।

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