वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। कहा जाता है कि संबंध खराब होने पर बहुत कुछ वह भी लोग सुन लेते हैं जो कभी कहा भी नहीं गया। जी हां, कुछ ऐसा ही हाल विगत कुछ वर्षों में भारत और नेपाल जैसे साझा संस्कृति वाले देशों के बीच सामने आया था। पीएम नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ कारिडोर की संकल्पना के दौरान कई मंदिरों को हटाकर उनका जीर्णोद्धार करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो इसी बीच नेपाल में यह अफवाह फैल गई कि नेपाल के इस मंदिर को भी क्षति पहुंची है। इसके बाद भारत सरकार की पहल पर नेपाल के लोगों का यह भ्रम दूर करने के लिए नेपाली शिष्टमंडल को वाराणसी आने का निमंत्रण दिया गया था।
विदेश संपर्क विभाग की पहल पर नेपाली दल की इस सांस्कृतिक यात्रा का प्रबंधन एवं संयोजन भारतीय जनता पार्टी के विदेश संपर्क विभाग की ओर से बीते वर्ष अक्टूबर माह में किया गया था। नेपाली सांसदों की यूपी यात्रा के प्रोटोकाल में नेपाली मंदिर भी जोड़ा गया। नेपाली सांसद प्रतिनिधियों ने इस दौरान वाराणसी आकर नेपाली मंदिर को देखा और भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे उसके भव्य स्वरूप की प्रसन्नता जाहिर करते हुए सराहना की। इसके बाद अब छह माह में ही नेपाल के प्रधानमंत्री की काशी यात्रा की जमीन माना जा रहा है कि नेपाली सांसदों के आगमन के समय ही तैयार हो गई थी।
नेपाली मंदिर में पूजन का फल पशुपतिनाथ के समान : मान्यता है कि काशी में इस नेपाली मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा राणा बहादूर शाह ने शुरू करवाया था। हालांकि, वर्ष 1806 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके पुत्र राजा राजेंद्र वीर विक्रम शाह ने 1843 में निर्माण पूरा कराया था। निर्माण में नेपाल से आए कारीगरों ने नेपाली लकड़ी और ईंटों प्रयोग किया। यहां लकड़ियों पर पर की गई कारीगरी अदभुत है जो अजंता एलोरा की याद दिलाती है। मंदिर ट्रस्ट के सचिव गोपाल प्रसाद अधिकारी के अनुसार इस मंदिर में दर्शन पूजन का फल काठमांडू पशुपतिनाथ के समान है। काशी जहां मां गंगा के तट पर बसा है तो वहीं काठमांडू शहर बागमती नदी के किनारे विकसित हुआ। काशी में स्थित पशुपति नाथ के मंदिर की नक्काशी व नेपाल के मंदिर की नक्काशी भी बिलकुल नकल है।
काशी और काठमांडू की साझा संस्कृति का प्रमाण : काशी आने से पहले बीते वर्ष नेपाली दल ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की थी, सीएम से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से कहा था कि नेपाल में वर्तमान में एक नरेटिव गढ़ा जा रहा है कि वाराणसी में बन रहे काशी विश्वनाथ कारिडोर में प्राचीन नेपाली मंदिर को क्षति पहुंचाई जा रही है। इस बात पर मुख्यमंत्री ने तुरंत वाराणसी प्रशासन को अवगत कराया था और प्रतिनिधि मंडल से आग्रह किया कि एक बार वे स्वयं नेपाली मंदिर का दर्शन अवश्य करें। योगी आदित्यनाथ ने नेपाली दल से कहा कि नेपाली मंदिर हमारी काशी व काठमांडू की साझा संस्कृति का जीवंत प्रमाण है।
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